बांग्लादेश के इतिहास में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी देने वाले जल्लाद शाहजहां भुइयां को जेल से रिहा कर दिया गया है. 74 साल के शाहजहां भुइयां को जल्लाद शाहजहां के नाम से भी जाना जाता है. 32 साल कैद की सजा काटने के बाद उन्हें रविवार को रिहा किया गया.
बीबीसी बांग्ला के मुताबिक अलग अलग जेलों में जल्लाद की ड्यूटी करते हुए जल्लाद शाहजहां ने बांग्लादेश में मौत की सजा पाने वाले 26 दोषियों को फांसी पर लटकाया था.
शाहजहां भुइयां को साल 1991 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उनके एक हथियार रखने के मामले में 12 साल और डकैती तथा हत्या के मामले में 30 साल की सजा सुनाई गई थी.
सजा तो उन्हें 42 साल की हुई थी लेकिन जेल में अच्छा व्यवहार होने के चलते उन्हें सजा में रियायत दी गई और 31 साल बाद रिहा कर दिया गया.
जेल में रहते हुए भी उन्होंने जल्लाद का काम किया. एक दशक तक जेल में रहने के बाद उन्होंने 1989 में एक सहायक जल्लाद के रूप में अपने जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत की थी. आठ साल के बाद 1997 में उन्हें मुख्य जल्लाद के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था.
जेल से रिहा होने के बाद क्या बोला शाहजहां
जेल से रिहा होने के बाद जल्लाद शाहजहां ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मुझे घर की जरूरत है क्योंकि मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है. मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करता हूं कि कृपया मुझे एक घर दे दें.”
“मेरे पास केवल मेरी बहन और भतीजा है, लेकिन लंबे समय से हमारा संपर्क टूट चुका है. मुझे डर है कि अब मुझे रहने के लिए दूसरे की दया पर निर्भर रहना पड़ेगा.”
उन्होंने कहा, “मैं अपना बचा हुआ जीवन शांति से जीना चाहता हूं.”
शाहजहां से पूछा गया कि क्या उन्हें लोगों को फांसी देने का कोई पछतावा है? सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी फांसी देनी है उसे वे तय नहीं करते हैं. ये काम कोर्ट का है.”
“जिन लोगों को अब तक फांसी दी गई है. उन सभी ने माफी के लिए सर्वोच्च अदालत और राष्ट्रपति तक को गुहार लगाई है. जब उनकी अपीलों को ही खारिज कर दिया गया तो मुझे क्यों ही पछतावा करना चाहिए?”
Compiled: up18 News