संयुक्त राष्ट्र की उप प्रमुख अमीना मोहम्मद ने भारत सरकार और नीति आयोग की देश में सतत विकास लक्ष्यों को ‘‘उल्लेखनीय स्तर’’ तक स्थानीय बनाने के लिए तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘जैसे ही भारत सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा और लक्ष्यों को हासिल करेगा’’, वैसे ही यह क्षेत्र और दुनिया भी इस दिशा में आगे बढ़ेगी।
‘नमस्ते’ से अपना संबोधन शुरू करते हुए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में यह माना गया है कि दुनिया अभूतपूर्व स्तर तक आपस में जुड़ी हुई है।
संयुक्त राष्ट्र की उप-महासचिव ने कहा, ‘‘भारत में परस्पर रूप से जुड़े होने के संदेश को केंद्र से लेकर राज्यों और जिलों तथा व्यक्तिगत घरों तक जिस स्तर तक अपनाया गया है, वह वाकई शानदार है। मैं एसडीजी को इस उल्लेखनीय स्तर तक अपनाने के लिए भारत और नीति आयोग की सराहना करती हूं। सरकार के सभी स्तरों में योजना, बजट और निगरानी ढांचों में संकेतक एवं लक्ष्य अंतर्निहित हैं।’’
वह ‘‘एसडीजी स्थानीयकरण के भारतीय प्रारूप : 2030 एजेंडा के पूर्ण क्रियान्वयन की ओर’’ पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास पर उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच के एक विशेष भारतीय सत्र में बोल रही थीं।
बुधवार को इस कार्यक्रम का आयोजन नीति आयोग, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), भारत और भारत में संयुक्त राष्ट्र ने किया था। इस कार्यक्रम को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और यूएनडीपी की अवर महासचिव और सहायक प्रशासक ऊषा राव-मोनारी ने भी संबोधित किया।
राव-मोनारी ने कहा कि नीति आयोग के, एसडीजी को स्थानीय बनाने के प्रयासों ने एसडीजी को आम भाषा बना दिया है जो विभिन्न पक्षकारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यूएनडीपी को नीति आयोग के साथ अपनी दीर्घकालीन साझेदारी पर गर्व है और वह सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति पर नजर रखने के लिए सूचकांक विकसित करके आंकड़ों पर आधारित निर्णय लेने की सीमाओं से आगे जाने में उसके अग्रणी काम का स्वागत करता है।’’
–एजेंसी
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