उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए उमड़े जनसैलाब ने प्रशासन की चिंता बढ़ाई

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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। अधिक संख्या के साथ ही कई यात्रियों की मौत भी हो चुकी है। हाल यह है कि पहले 7 दिनों में ही 20 यात्रियों की जान जा चुकी है। स्थिति को देखते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट ने बीमार लोगों से यात्रा स्थगित करने की अपील की है।

अधिक ऊंचाइयों पर स्थित पहाड़ियों पर यात्रा करने से उन लोगों को तकलीफ हो रही है, जो पहले ही किसी शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं। शुरुआती 6 दिनों में 16 यात्रियों की मौत हुई, जबकि सोमवार को चार अन्य यात्रियों का निधन हृदय संबंधी समस्या की वजह से हो गया। अब तक जितने श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश (दोनों राज्यों से 5-5) के निवासी हैं।

बात अगर केदारनाथ धाम के श्रद्धालुओं की संख्या की करें तो सोमवार को इतनी भीड़ बढ़ गई कि दोपहर 12 बजे के बाद पांच हजार श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोकना पड़ा। वहीं करीब 29 हजार श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। रोक दिए गए श्रद्धालुओं ने बैरियर पर जमकर हंगामा काटा। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। यमुनोत्री और केदारनाथ में यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने की तैयारी की जा रही है।

श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी है कि पैर रखने भर की जगह भी नहीं बची है। चार दिनों के अंदर ही 80 हजार से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। प्रशासन के सीनियर अधिकारी खुद सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम में लगे हुए हैं। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्रियों को रोका जा रहा है। उन्हें फिर धीरे-धीरे आगे के लिए रवाना किया जा रहा है। यात्रियों की भीड़ और बीमारी के बीच मौसम का बदलाव भी समस्या पैदा कर रहा है। चारधाम यात्रा शुरू होने के दिन से ही बारिश होने की वजह से ठंड बढ़ गई है। तापमान लगातार शून्य से नीचे जा रहा है।

अनिवार्य किया जाएगा हेल्थ सर्टिफिकेट

चार धाम यात्रा में मौत के बढ़ते मामलों के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से इस दिशा में प्रयास शुरू हुए हैं। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों और दूरदराज से आने वाले तीर्थयात्री मान लेते हैं कि वे इस ट्रैक को भी आसानी से पार कर लेंगे। हालांकि, यहां तापमान, ऊंचाई और ऑक्सीजन के स्तर में अंतर है। मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से ही तीर्थ यात्रा के रूट में बेहतर स्वास्थ्य इंतजाम किए हैं। सभी चारों धाम में यह व्यवस्था की गई है। मैंने खुद चारों तीर्थस्थल पर दो अतिरिक्त हाईटेक एंबुलेंस की तैनाती का निर्देश दिया है। हम जल्द ही तीर्थयात्रियों को अपने संबंधित राज्यों से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेकर आने के लिए कहेंगे। खासकर 60 वर्ष से अधिक आयु के तीर्थयात्रियों के लिए यह अनिवार्य किया जाएगा।

चार धाम यात्रा पर निकलने से पहले रखें ख्याल

चार धाम यात्रा पर निकल रहे हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ख्याल रखना होगा। काफी ऊंचाई पर तीर्थस्थल होने के कारण फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद ही यात्रा करें। बाबा केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा शुरू करने से पहले गर्म कपड़े अवश्य पहनें।

इसके साथ ही यात्रियों को अपने पास रेन कोट, छाता, टार्च भी साथ रखने की सलाह दी जाती है। यात्री पैदल मार्गों में किसी प्रकार की चिकित्सकीय आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर संपर्क कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित किए हैं। किसी प्रकार की परेशानी को नजरअंदाज नहीं करें।

-एजेंसियां