नस्लीय हमले की आशंका ही बलवती हुई, हालत में सुधार जारी
घायल शुभम ने मां से फोन पर पहली बातचीत में बताई पूरी घटना
आगरा। आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में हमले का शिकार हुए जनपद निवासी शोध छात्र शुभम गर्ग की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। शनिवार को शुभम ने मां से फोन पर लंबी बात की। बातचीत से पता चला कि हमलावर का उद्देश्य लूटना नहीं था।
बता दें कि शुरुआती खबरों में शुभम के नस्लीय हमले का शिकार होना बताया गया था। बाद में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने नस्लीय हमले से इंकार करते हुए इसे लूट के लिए हमला बताया था, लेकिन शुभम ने अपनी मां को बताया कि हमलावर के समक्ष मोबाइल फोन व डॉलर फेंक देने के बाद भी वह हमला करता रहा। इससे लगता है कि हमलावर का उद्देश्य लूट नहीं था। इसबीच शुभम की मदद को सिडनी जाने के लिए उसके छोटे भाई का वीजा बन गया है। सोमवार रात की हवाई टिकट भी बुक हो गई है।
तहसील किरावली निवासी रामनिवास गर्ग का 28 वर्षीय बेटा शुभम गर्ग सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में शोध कर रहा है। विगत छह अक्टूबर को वह एक जानलेवा हमले में घायल हो गया था। शुभम गंभीर हालत में हास्पिटल में भर्ती है। उसके दो आपरेशन हो चुके हैं।
शनिवार सुबह शुभम ने पहली बार फोन पर परिवारीजनों से बात की। पिता रामनिवास ने फोन रिसीव किया। हाल पूछने के बाद उन्होंने शुभम की बात उसकी मां कुसुम से कराई। शुभम ने मां को हमले का पूरा घटनाक्रम बताया। उसने बताया कि छह अक्टूबर को वह मकान मालिक को भुगतान करने के लिए 800 डालर निकालकर लाया था। रास्ते में ही हमलावर ने पीछे से आवाज लगाई। वह थोड़ा सा रुका तभी हमलावर ने बगल में चाकू मार दिया।
उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो हमलावर ने एक और चाकू मार दिया। इसके बाद वह गिर पड़ा। शुभम थोड़ी देर में ही खड़ा हो गया। उसने सोचा कि हमलावर लूट करना चाह रहा है। इसलिये वह मोबाइल फोन और 800 डालर रोड पर फेंक कर भागने लगा। इसके बाद भी हमलावर ने बोतल फेंककर मारी, लेकिन वह बच गया। हमलावर बिना सामान उठाए उनका पीछा करता रहा और लगातार वार करता रहा। शुभम चाकू लगने के बाद काफी दूर तक भागा। एक घर के आगे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा और हेल्प मी.., हेल्प मी.. चिल्लाने लगे। लोगों के आने से पहले ही हमलावर भाग गया।
शुभम को मां ने बताया कि उसकी देखरेख के लिए छोटा भाई रोहित वहां आ रहा है। मां ने वीडियोकॉल करने को कहा, लेकिन शुभम ने इन्कार कर दिया, क्योंकि उसके जबड़े का दांत टूट गया है और चोट लग गई है। अभी जबड़े का आपरेशन भी होना है।
भाई रोहित ने बताया कि एक वर्ष के लिए वीजा तैयार है। 17 अक्टूबर की रात की सिडनी के लिए हवाई टिकट फाइनल हो गई है। वह भाई के पास जाने की तैयारी कर रहे हैं।
शुभम के पिता ने मांग की है कि केंद्र सरकार अपने खर्चे पर उन्हें बेटे की देखरेख के लिए सिडनी भेजे, क्योंकि उनके पास खर्च करने को रुपये नहीं हैं। वहां उनके बेटे की हालत अभी खतरे से बाहर नहीं है। ऐसे में माता-पिता वहां पहुंच जाएंगे तो बेटे को हिम्मत मिल जाएगी।
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