वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के कबीरचौरा में पागल कुत्ते ने गुरुवार को दर्जन भर से अधिक लोगो को काट लिया। सभी घायलों ने मंडलीय अस्पताल में इलाज कराया। पागल कुत्ते के इतने लोगो को काटने की वजह से इलाके में दहशत का माहौल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कबीरचौरा के मंडलीय अस्पताल के गेट संख्या चार के पास गुरुवार की शाम कुछ लोग चाय की दुकान पर खड़े बातचीत कर रहे थे। इस दौरान लोहटिया की ओर से आए के कुत्ते ने अचानक दो तीन लोगो पर अचानक हमला कर दिया।
दुकानदार ने कुत्ते को भगाने की कोशिश की और उस पर पानी फेंका तो वह और अक्रामक हो गया। उसने आस पास खड़े लोगो पर हमला कर दिया। कुत्ते के हमले से बचने के लिए लोग इधर उधर भागने लगे। लोगो में अफरा तफरी मच गई। इस दौरान कुत्ते के सामने जो भी आया उसे काट लिया।
कुछ लोग कुत्ते को भगाने के लिए डंडा लेकर दौड़े को पियरी की तरफ भाग गया। तब तक 18 लोगो को काट लिया था। कई लोगो को कुत्ते के काटने से बड़ा घाव हो गया। फौरन सभी लोगो ने प्राथमिक उपचार के लिए मंडलीय अस्पताल पहुंचे। वहां इलाज करना के साथ एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंक का यह सिलसिला गुरुवार शाम मंडलीय अस्पताल के गेट नंबर चार के पास शुरू हुआ। कुछ लोग चाय की दुकान पर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे, तभी लोहटिया की ओर से आया एक पागल कुत्ता अचानक उन पर टूट पड़ा। लोगों के कुछ समझ पाने से पहले ही उसने कई लोगों को काट लिया और फिर कबीरचौरा तिराहे की ओर भाग गया। यहां भी उसने कुछ और राहगीरों पर हमला किया। जब लोगों ने डंडे लेकर उसे दौड़ाया, तो कुत्ता पियरी मुहल्ले की तरफ भागा और वहां भी उसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया। बाद में, यह कुत्ता बेनियाबाग इलाके में भी पहुंचा, जहां उसने कुछ और लोगों को काटकर जख्मी किया। इस एक कुत्ते ने कुछ ही देर में तीन-चार मोहल्लों में दहशत फैला दी।
मंडलीय अस्पताल की एसआईसी (सीनियर इंचार्ज) डॉक्टर मृदुला मलिक ने इस घटना पर तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर और उसके आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों व अन्य पशुओं की जानकारी तत्काल नगर निगम को दे दी गई है। डॉ. मलिक ने पुष्टि की कि कुत्ते के काटने के बाद इमरजेंसी वार्ड में लाए गए सभी 18 घायलों का तुरंत प्राथमिक उपचार किया गया और उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आवारा कुत्तों का घूमना मरीजों, उनके परिजनों और तीमारदारों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसे में डॉ. मलिक ने नगर निगम से इस पागल कुत्ते को जल्द से जल्द पकड़ने और शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। यह घटना एक बार फिर शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं के प्रबंधन की चुनौती को सामने लाती है।
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