नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने का ठेका टाटा ग्रुप को मिला

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने का ठेका टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिला है। इसके लिए लार्सन एंड टुब्रो और साइरस मिस्त्री का शापूरजी पलौंजी ग्रुप भी होड़ में था लेकिन टाटा ग्रुप की इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स ने बाजी मार ली।

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने इस काम के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स को चुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 25 नंवबर को जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है। ज्यूरिख एयरपोर्ट इसके पहले चरण में 5,700 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इस एयरपोर्ट के 2024 में शुरू होने की उम्मीद है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और टाटा प्रोजेक्ट्स के जॉइंट स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक टाटा प्रोजेक्ट्स नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोड, युटिलिटीज, लैंडसाइट फैसिलिटीज और दूसरी इमारतों का निर्माण करेगी। टाटा प्रोजेक्ट्स को देश में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने का अनुभव है। इनमें संसद की नई इमारत, मुंबई में ट्रांस-हार्बर लिंक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कई सेक्शन और कई शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट शामिल हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भारतीय संस्कृति और स्विटरलैंड की टेक्नोलॉजी का संगम देखने को मिलेगा।

देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण पूरा होने के बाद इसके आठ रनवे से सालाना 1.2 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 36 महीनों में पूरा किया जाना है। जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट वास्तव में एविएशन हब की तरह काम करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 3500 एकड़ में बनाया जाना है। पहले चरण में 1327 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जा रहा है।

यह IGI एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि यह नोएडा-फरीदाबाद और गाजियाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर बनने वाला नोएडा एयरपोर्ट करीब 20,000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है।

-एजेंसियां