चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी नई जानकारी अपनी वेबसाइट पर शेयर कर दी. राजनीतिक दलों ने बंद लिफाफे में ये जानकारी इलेक्शन कमीशन को सौंपी थी. लेकिन तत्कालीन नियमों के चलते इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था.
चुनाव आयोग के मुताबिक तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को 656.5 करोड़ रुपये का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला है. इसमें लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग के 509 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक बीजेपी ने कुल 6986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड कैश कराए हैं. पार्टी ने 2019-20 में सबसे ज्यादा 2555 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए.
कांग्रेस ने कराए 1,334.35 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 1,334.35 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए हैं.इसके अलावा ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी को 944.5 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले हैं. वहीं आंध्र की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी को 181.35 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
कौन है लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन
लॉटरी किंग के नाम से मशहूर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स के फाउंडर का नाम सैंटियागो मार्टिन है, जिसे भारत का लॉटरी किंग भी कहा जाता है. यह कंपनी अभी देश के एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में ऑपरेट कर रही है, जहां लॉटरी कानूनी तौर पर वैध है. फ्यूचर गेमिंग का कारोबार मुख्य रूप से दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत में फैला हुआ है. दक्षिण भारत में कंपनी मार्टिन कर्नाटक नामक सब्सिडियरी के माध्यम से काम करती है, जबकि पूर्वोत्तर भारत में मार्टिन सिक्किम लॉटरी सब्सिडियरी के जरिए चलती है.
कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार वह अभी देश के 13 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में काम कर रही है. उसके पास 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. कंपनी नागालैंड और सिक्किम में डियर लॉटरी की अकेली डिस्ट्रिब्यूटर है.
-एजेंसी
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