तालिबान ने कहा है कि भारत-अफगानिस्तान संबंधों को तोड़ने वाले अपने मकसद में कभी भी कामयाब नहीं होंगे। इतना ही नहीं, अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज इस आतंकी समूह ने विदेशी नियंत्रण को लेकर भी सफाई दी है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने साफ शब्दों में कहा है कि तालिबान पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक साल पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद दुनिया के किसी भी देश ने तालिबान की इस्लामिक अमीरात सरकार को मान्यता नहीं दी है। जिस पाकिस्तान ने तालिबान को अफगान पर कब्जे में सबसे ज्यादा मदद की, वह भी लाभ मिलता न देख पीछे हट गया है। ऐसे में तालिबान को समझ आ गया है कि उसे अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए पाकिस्तान से ज्यादा भारत की आवश्यकता होगी। यही कारण है कि तालिबान अब भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
जबीउल्लाह मुजाहिद ने तालिबान के काम को गिनाया
स्ट्रैट न्यूज़ ग्लोबल को दिए एक इंटरव्यू में तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हमने अफगानिस्तान की सुरक्षा को बढ़ाने और भ्रष्टाचार से लड़ने को लेकर काफी काम किया। हमने पिछली सरकार में कब्जे में ली गई अवैध जमीनों को छुड़ाया। हमने अफगानिस्ता की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काफी प्रोजेक्ट्स भी चलाए हैं। खासकर खनन के क्षेत्र में हमने काफी काम किया है। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक असमानता को दूर करना है।
तालिबान बोला, भारत के साथ संबंध काफी पुराने
जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस्लामिक अमीरात की पालिसी काफी बैलेंस है। भारत और अफगानिस्तान के बीच आर्थिक और राजनयिक संबंध काफी पुराने हैं। हम इस क्षेत्र के देशों और दुनिया के साथ आर्थिक संबंध स्थापित करना चाहते हैं। इस्लामिक अमीरात संबंधों को आपसी आदर और आपसी समानता के आधार पर विकसित करना चाहता है। हम क्षेत्रीय देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने को ज्यादा महत्व दे रहे हैं, खासकर TAPI जैसे क्षेत्रीय आर्थिक प्रोजेक्ट्स में। दूसरा मुद्दा फलों के निर्यात का है। हम क्षेत्रीय देशों और दुनिया के साथ सामान्य राजनीतिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
अफगानिस्तान में अधूरे भारतीय प्रोजक्ट्स पर बोला तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान मे भारत की भूमिका को लेकर भी काफी कुछ कहा। उन्होंने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान में बड़ी भूमिका निभाई है, खासकर आर्थिक क्षेत्र में। हम भारत को अफगानिस्तान में निवेश का मौका देना चाहते हैं ताकि अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकें। हम आर्थिक क्षेत्र में भारत के साथ अपने संबंधों का विस्तार भी करना चाहते हैं। हम अपने भारतीय सहयोगियों को सुरक्षा से संबंधित हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। भारत सरकार का रिस्पांस भी काफी सकारात्मक रहा है। अच्छी बात यह है कि उन्होंने अपने राजनयिक कार्यालयों को फिर से खोला है। हम उन्हें हर तरह की फैसिलिटी देने की तैयारी में हैं।
तालिबान ने भारत को सुरक्षा की 100 फीसदी गारंटी दी
हम भारत सरकार को 100 फीसदी गारंटी देते हैं कि यह हमारी पॉलिसी है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होगा। हम अब सुरक्षा के हालात को सुधारने की प्रक्रिया में हैं। हमने पूरे देश पर नियंत्रण पा लिया है, खासकर सुरक्षा को लेकर। इसलिए, सुरक्षा को पर्याप्त रखा गया है और यहां किसी के लिए भी कोई खतरा नहीं है। हमने अपने रिश्ते परस्पर आदर के आधार पर बनाए हैं। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, हमारा पाकिस्तान के साथ पड़ोसी का संबंध है। वे अफगान शरणार्थियों को मौके उपलब्ध करवा रहे हैं। लाखों अफगान नागरिक पाकिस्तान में रहते हैं। वे उन्हें नौकरी और रहने के अवसर दे रहे हैं। हम अपने सिद्धांतों के अनुसार रिश्ते बनाते हैं। हमारे ऊपर किसी का नियंत्रण नहीं है।
-एजेंसी