समीक्षा: “चूल्हे से चाँद तक” — चूल्हे की आँच से चाँद की कविता तक की यात्रा

समीक्षक: सोनल शर्मा, देहरादून प्रियंका सौरभ का यह काव्य संग्रह ‘चूल्हे से चाँद तक’ केवल कविता नहीं, स्त्री आत्मा की यात्रा है। यह वह आवाज़ है, जिसे सदियों से दबाया गया, पर वह फिर भी जलती रही – रोटियों के साथ, परातों के बीच, और आँसुओं में घुली स्याही के माध्यम से। इस संग्रह की […]

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