बाजारू मीडिया के दरबार में साहित्य का मुजरा!

हैरानी की बात है कि ‘साहित्य आजतक’ के बाजारू मजमे का बड़ी ढिठाई के साथ बचाव किया जा रहा है। बचाव करने वालों में कुछ वे लोग हैं जिन्होंने उस मजमे में शिरकत कर उसकी ‘शोभा’ बढ़ाई और कुछ वे हैं जिन्हें उसमें शिरकत करने का न्योता नहीं मिला लेकिन वे बेगानी शादी में अब्दुल्ला […]

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