पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड के ‘लेखक गांव’ में हिंदी साहित्य में योगदान के लिए डॉ सत्यवान सौरभ को किया सम्मानित

हिसार/देहरादून: 25 से 27 अक्टूबर 2024 को स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तत्वावधान में देहरादून के थानो में स्थित लेखक गाँव में अंतरराष्ट्रीय कला, साहित्य और संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया किया। इस पाँच दिवसीय महोत्सव में 65 से अधिक देशों के साहित्यकार, लेखक और कलाकारों ने भाग लिया, जो हिन्दी भाषा और उत्तराखंड की सांस्कृतिक […]

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भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या

भारतीय शहरों में प्रदूषण की समस्या बेहद आम है। रिसर्च के मुताबिक भारत के करीब 60 फीसदी शहरों में हवा स्वीकार्य सीमा से भी सात गुणा ज़्यादा प्रदूषित है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र, जहाँ शहरीकरण जारी है, पर्याप्त परिवहन प्रबंधन, उपयुक्त सड़कें और उद्योगों के अनियोजित वितरण जैसी सेवाओं की कमी के कारण वायु प्रदूषण […]

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एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय हमेशा […]

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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने से क्या बदलाव आएगा?

एक राष्ट्र एक चुनाव के संभावित लाभों के बावजूद, आलोचकों ने लोकतांत्रिक भावना, स्थानीय चिंताओं पर राष्ट्रीय मुद्दों के प्रभुत्व तथा संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता के बारे में चिंता व्यक्त की है। एक राष्ट्र एक चुनाव भारत में विभिन्न राज्यों की अद्वितीय राजनीतिक गतिशीलता और क्षेत्रीय हितों को कमजोर कर सकता है, क्योंकि यह एक […]

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हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ के दोहों का देश के सर्वश्रेष्ठ 64 दोहाकारों में चयन

दैनिक संपादकीय लेखकों में से एक है, डॉ. सत्यवान सौरभ। हाल ही में इनका एक दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ भी आया है जो देशभर में काफी चर्चित रहा है। राष्ट्रीय दोहा संग्रह ‘प्रतिरोध के दोहे’ के प्रकाशन पर देश भर के साहित्यकारों ने दी शुभकामनाएं। इसमें देश के 64 दोहाकारों के दोहे संकलित हैं। […]

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क्या नीट 2024 है घोटाला, कैसे निकले एक ही सेंटर से 8 टॉपर?

(100 करोड़ लोगों का चुनाव आसानी से हो जाता है, पर 20 लाख बच्चों का पेपर सही से नही हो पाता?) (एक ही केंद्र के 6 छात्रों को 720/720 अंक कैसे मिले? परिणाम 14 जून के बजाय 4 जून (चुनाव परिणाम दिवस) को क्यों घोषित किए गए? कुछ गड़बड़ है, लाखों नीट उम्मीदवार इसका उत्तर […]

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एनडीए की आसानी से नहीं बनेगी सरकार: यह जनादेश किसकी जीत, किसकी हार? क्या 10 साल बाद लौट रहा गठबंधन सरकार का दौर..

यह भाजपा की स्पष्ट जीत नहीं है। यह एनडीए की जीत ज्यादा है। आंकड़ों की दोपहर तक की स्थिति को देखें तो यह माना जा सकता है कि पूरे पांच साल भाजपा गठबंधन के सहयोगियों खासकर जदयू और तेदेपा के भरोसे रहेगी। इन दोनों दलों के बारे में यह कहना मुश्किल है कि ये भाजपा […]

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प्राइवेट स्कूलों का मकड़जाल: स्कूल बने कॉपी-किताब की दुकान, अभिभावक परेशान। निजी स्कूलों की मनमानी पर कैसे लगेगी लगाम?

देश भर में के प्राइवेट स्कूलों में कॉपी किताबों के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। बाजार से अधिक दामों में लूट मचा रखी है। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से परेशान है। बच्चे अगर पुस्तकें स्कूल की जगह बाहर से खरीद लें तो उनके बच्चों के […]

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क्यों संदिग्ध है अकादमी पुरस्कारों की वार्षिक गतिविधियां ?

आखिर क्यों सही से काम नहीं कर पा रही साहित्य अकादमियां? पिछले दशकों में पुरस्कारों की बंदर बांट कथित साहित्यकारों, कलाकारों और अपने लोगों को प्रस्तुत करने के लिए विशेष साहित्यकार, पुरोधा कलाकार, साहित्य ऋषि जैसी कई श्रेणियां बनी है। जिसके तहत विभिन्न अकादमियां एक दूसरे के अध्यक्षों को पुरस्कृत कर रही है और निर्णायकों […]

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परिवार दिवस विशेष: फूट-कलह ने खींच दी, हर आँगन दीवार

भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर दिया है. पत्थर होते हर आंगन में फ़ूट-कलह का नंगा नाच हो रहा है. आपसी मतभेदों ने गहरे मन भेद कर दिए है. बड़े-बुजुर्गों की […]

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