विवाह जब प्रारब्धाधीन है तो वधू-वर की जन्मकुंडलियां मिलाने की आवश्यकता ही क्या है ?
‘हिन्दू धर्म में बताए अनुसार सोलह संस्कारों में से ‘विवाहसंस्कार’ महत्त्वपूर्ण संस्कार है । विवाह निश्चित करते समय वधू-वर की जन्मकुंडलियों के मिलान की पद्धति भारत में पहले से ही प्रचलित है । विवाह का उद्देश्य एवं उसके लिए वधू-वर की जन्मकुंडलियों के मिलान का महत्त्व इस लेख द्वारा समझ लेंगे । विवाह का उद्देश्य […]
Continue Reading