दंगो की राजनीति: क्या हमारे राजनैतिक दल और सरकारें इन सवालों के ईमानदार जवाब दे पाएंगी?

इस समय देश बड़ी विकट स्थिति से गुज़र रहा है। एक आम आदमी जो कि इस देश की नींव है उस के लिए जीवन के संघर्ष ही इतने होते हैं कि वो अपनी नौकरी, अपना व्यापार, अपना परिवार, अपने और अपने बच्चों के भविष्य के सपनों से आगे कुछ सोच ही नहीं पाता। वो रोज […]

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अब समय आ गया है कि अधिकारों की भी सीमा तय की जाए

कहने को भारत एक ऐसा देश है जो संविधान से चलता है लेकिन जब देश के सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ता है कि वो जांच करेगा कि “क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है” तो लगता है कि हम आज भी ग़ुलाम हैं। गुलाम हैं उस सत्तालोलुप वोटबैंक की राजनीति के जिसे […]

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राजनैतिक हितों को साधते हुए इससे बेहतर मंत्रिमंडल विस्तार तो शायद नहीं हो सकता था

मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का ताज़ा विस्तार जहां कई उम्मीदों को जगाता सा दिखता है वहीं वो अपनी कई नाकामियों पर पर्दा डालता भी नज़र आता है। क्योंकि जिस प्रकार से भाजपा के कई दिग्गजों से स्तीफा लेकर नए चेहरों को सरकार में जगह दी गई है उससे इसे मंत्रिमंडल विस्तार न कहकर मंत्रिमंडल सुधार […]

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राजनीति में अवसरवाद का यह सिलसिला समाप्त हो…

सामान्यतः राजनीति ऐसा विषय नहीं होता जो चुनावों के अतिरिक्त आम आदमी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करे। लेकिन विगत कुछ समय से देश में ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जिन्होंने आमजन का ध्यान राजनीति की ओर आकृष्ट किया। सिर्फ आकृष्ट ही नहीं किया बल्कि सोचने के लिए भी विवश किया । दरअसल 2017 में टीएमसी […]

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