अनहोनी को होनी में बदलने वाली माता का अनुष्ठान है अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। अपनी संतान की लंबी आयु के लिए ये व्रत किया जाता है। संतान प्राप्ति को कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्य रात्रि में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित राधाकुण्ड में नि:संतान दंपत्ति यदि एक साथ स्नान करते हैं। पूजा विधि और […]
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