अर्थव्यवस्था शैने-शैने हो रहा जीरो, धर्म की बांसुरी बजा रहा फकीरा नीरो

उद्योगपतियों का माफ होता अरबों का ऋण, अंधाधुंध निर्यात की ज़िद,अर्थव्यवस्था के लिये जहर देश का व्यापार घाटा 2021-22 में 87.5 फीसदी बढ़कर 192.41 अरब डॉलर धर्म के नशे में डूबे लोगों को आर्थिक तंगी से मरते लोग नहीं दिखाई दे रहे भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का […]

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