द वर्निंग बस- आखिर हादसों पर मौन क्यों…???

देश के हाईवे अब सफ़र के नहीं, लाशों के रास्ते बनते जा रहे हैं। ताज़ा घटना मध्यप्रदेश के शिवपुरी–इंदौर मार्ग की है, जहाँ अशोकनगर के पास एक बस में अचानक आग लग गई। संयोग से घटना का समय नींद का नही था लिहाजा यात्रियों की जान तो बच गई, पर उनका समान,लगेज राख में बदल […]

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श्मशान वैराग्य…! तो जीवन की यात्रा को बोझिल बनाने का क्या औचित्य?

आमतौर पर यह शब्द जितना साधारण दिखता है, उतना ही गहरा है। प्रायः इसकी परिभाषा उस क्षणिक अनुभूति तक सीमित कर दी जाती है, जब हम किसी अंतिम संस्कार में बैठकर मृत्यु का दृश्य देखते हैं। वहां हमें क्षणिक बोध होता है कि जीवन वास्तव में नश्वर है, धन-दौलत, अहंकार, पद-प्रतिष्ठा सब यहीं रह जाने […]

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दिल्ली में साँसों पर संकट, पर हरियाली ने जगाई उम्मीद…!

इंटीरियर डेकोरेशन में वास्तविक हरियाली बनी पहली पसंद… दिल्ली की ओर रुख करते हुए मन में एक ही प्रश्न बार-बार कौंधता रहा—क्या इस बार भी वही धूल-धुआँ और दमघोंटू हवा स्वागत करेगी? बीते कुछ वर्षों से दिल्ली की हवा जहरीली होती जा रही है, और आंकड़े इसकी भयावहता की पुष्टि भी करते हैं। अक्टूबर से […]

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