फेक ब्रेकिंग की दौड़ में मीडिया की गिरती साख…
कभी समाचार माध्यमों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता था, क्योंकि वे समाज को दिशा देते थे, सत्ता से सवाल करते थे और जनता तक सत्य पहुंचाते थे। लेकिन टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के विस्तार के बाद “सबसे पहले खबर दिखाने” की अंधी होड़ ने मीडिया की विश्वसनीयता को गहरी चोट पहुंचाई है। […]
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