बच्चे मिट्टी के घड़े, अभिभावक कुम्हार, जैसा चाहो वो बने, दे दो जो आकार
बालमन कच्ची मिट्टी के समान, जैसा आकार देंगे, वैसा बन जाएंगे। बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जैसा आकार दो वे वैसा ढल जाते हैं। उनके मन में आर्थिक रूप से कमजोर या अन्य धर्म या जाति के विद्यार्थियों के लिए कोई भेदभाव नहीं होता। वे अपने आसपास के माहौल से ही सीखते […]
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