मानवता को शर्मसार करती मानव तस्करी…

मानवता को शर्मसार कर देने वाली मानव तस्करी सभ्य समाज के माथे पर बदनुमा दाग है, मानव तस्करी आधुनिक दुनिया में होने वाले सबसे विनाशकारी मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है। हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति या बच्चे की तस्करी की जाती है, 3.8 मिलियन वयस्कों की तस्करी की जाती है और उन्हें यौन […]

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शुरू होनी चाहिए पर्यावरणीय मुद्दों को मुख्यधारा में लाने की चुनावी प्रथाएं

राजनीतिक दलों को जलवायु परिवर्तन पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए स्पष्ट रूप से कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। राजनीतिक दलों को उन कदमों के बारे में बताना चाहिए जो वे भारत पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए उठाएंगे। यदि भारत वैश्विक व्यवस्था […]

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नीरस होती होली की मस्ती, केवल औपचारिकता निभाने में सिमटा यह त्योहार…

पहले की होली और आज की होली में अंतर आ गया है, कुछ साल पहले होली के पर्व को लेकर लोगों को उमंग रहता था, आपस में प्रेम था। किसी के भी प्रति द्वेष भाव नहीं था। आपस में मिल कर लोग प्रेम से होली खेलते थे। मनोरंजन के अन्य साधानों के चलते लोगों की […]

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रिश्तों में पड़ गई द्वेष भाव की भंग, फीके पड़ते होली के रंग…

पहले की होली और आज की होली में अंतर आ गया है, कुछ साल पहले होली के पर्व को लेकर लोगों को उमंग रहता था, आपस में प्रेम था। किसी के भी प्रति द्वेष भाव नहीं था। आपस में मिल कर लोग प्रेम से होली खेलते थे। मनोरंजन के अन्य साधानों के चलते लोगों की […]

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सावधान! खुलने वाले है घोषणा पत्र यानी वादों के पिटारे..

भारत में चुनावी वर्ष नज़दीक आते ही राजनीतिक पार्टियाँ सत्ता में आने के लिये लोक-लुभावनी घोषणाएँ करने लगती हैं, जैसे मुफ्त में बिजली-पानी, लैपटॉप, साइकिल आदि देने के वायदे करना आदि। यह प्रचलन लोकतंत्र में चुनाव लड़ने के लिये सभी को समान अवसर मिलने के मूल्य के उल्लंघन को तो दर्शाता ही है, साथ ही […]

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महिला दिवस: समय की रेत पर छाप छोड़ती युवा लेखिका प्रियंका सौरभ

युवा महिला लेखिका जो हिंदी और अंग्रेजी के 10,000 से अधिक समाचार पत्रों के लिए दैनिक संपादकीय लिख रही हैं जो विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होते हैं। प्रमाणित सबूत गूगल के रूप में प्रियंका सौरभ और आपको सब कुछ मिल जायेगा। दुनिया के सबसे बड़े शिक्षा मंच unacademy और व्यक्तिगत यूट्यूब चैनल पर लड़कियों को […]

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नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा’, चुनावी बॉन्ड को रद्द करने का फैसला

(चुनावी बांड पर दिया गया फैसला अभिव्यक्ति की आजादी को मजबूत करता है। चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करना लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में पहल।) चुनाव में नियमों का उल्लंघन करके प्रत्याशी बड़े पैमाने पर काले धन का चुनावों में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, सभी पार्टियों को कानूनी और गैर-कानूनी तरीके से चंदा […]

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क्या समान नागरिक संहिता देश और समाज के विकास का महत्वपूर्ण आधार बनेगी?

यूसीसी देश की राजनीति के सबसे विवादित मुद्दों में रहा है। हालांकि संविधान में भी नीति निर्देशक तत्वों के रूप में इसका उल्लेख है। समानता एक सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदेशिक लोकतांत्रिक मूल्य है। इस मूल्य की प्रतिष्ठापना के लिये समान कानून की अपेक्षा है। इस लिहाज से राजनीति की सभी धाराएं इस बात पर एकमत […]

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खाली हाथ बजट ….. स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक सुधार की जरूरत

2024 का अंतरिम बजट प्रशासनिक रवायत है क्योंकि पूर्ण बजट तो जुलाई में आएगा‚ जिस पर नई सरकार का रिपोर्ट कार्ड़ स्पष्ट नजर आएगा। व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने, पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग के उत्थान की आवश्यकता है। यह […]

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आपदा में अवसर: युद्धग्रस्त इजरायल में भारतीय श्रमिकों को क्यों भेज रही मोदी सरकार?

उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की मदद से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इज़राइल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया आज जरुरी चर्चा का विषय है। भारतीय मजदूरों की सुरक्षा और सुरक्षा को लेकर चिंताएं होती हैं जब एक बड़ी श्रम शक्ति को […]

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