प्रवचन माला: धर्म और पुण्य में अंतर समझने की जरूरत: जैनमुनि डॉक्टर मणिभद्र

आगरा: नेपाल केसरी और मानव मिलन संगठन के संस्थापक जैन मुनि डॉ.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि जैन संतों का जीवन जल की तरह तरल होता है। वे एक जगह नहीं ठहरते। चातुर्मास में चार महीने एक ही जगह उनका प्रवास होता है। इसके बाद वे एक-एक महीने हीं प्रवास करते हैं। जैन स्थानक, राजामंडी […]

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