रमणीय द्वीप झांझीबार तंजानिया से ९०३वीं कथा का शुभारंभ
रामचरितमानस स्वयं रामरक्षा है।। उद्योग से धनवान हो सकेंगे, उद्यम से धन्यवान।। सुनु मुनि तोहि कहउ सहरोसा। भजहि जे मोहि तजि सकल भरोसा।। करउ सदा तिन्ह के रखवारि। जिमि बालक राखइ महतारि।। सुरम्य मनमोहक रेतीले समुद्र तट और मनमोहक कोयल की असीम सुंदरता से ओतप्रोत झांझीबार तंजानिया (ईस्ट अफ्रीका)द्वीप में ९०३वीं रामकथा का मंगल आरंभ […]
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