आत्ममंथन का अवसर है स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्र शब्द का सीधा अर्थ है ‘अपना तंत्र ‘। राजनीतिक संदर्भ में स्वतंत्रता समाज के अपने बनाए हुए तंत्र का अर्थ व्यक्त करती है। तंत्र से आशय किसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निर्धारित किए गए व्यवस्थापन से है। परतंत्र भारत में शिक्षा, सुरक्षा, न्याय, चिकित्सा उद्योग, व्यवसाय आदि व्यवस्थाएं इस्लामिक आक्रांताओं और अंग्रेजों की अपनी […]

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मानवाधिकार दिवस: अब समय इस बात को समझने का है कि आखिर भूल कहाँ हैं ?

हम आज 21 वीं सदी में लोकतांत्रिक सरकारों और मानवाधिकार आयोग जैसे वैश्विक संगठनों के होते हुए भी असफल हैं तो समय आत्ममंथन करने का है। अपनी गलतियों से सीखने का है, उन्हें सुधारने का है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सम्पूर्ण विश्व में मानव समाज एक बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा था। यह […]

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