हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ के दोहों का देश के सर्वश्रेष्ठ 64 दोहाकारों में चयन

दैनिक संपादकीय लेखकों में से एक है, डॉ. सत्यवान सौरभ। हाल ही में इनका एक दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ भी आया है जो देशभर में काफी चर्चित रहा है। राष्ट्रीय दोहा संग्रह ‘प्रतिरोध के दोहे’ के प्रकाशन पर देश भर के साहित्यकारों ने दी शुभकामनाएं। इसमें देश के 64 दोहाकारों के दोहे संकलित हैं। […]

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क्या नीट 2024 है घोटाला, कैसे निकले एक ही सेंटर से 8 टॉपर?

(100 करोड़ लोगों का चुनाव आसानी से हो जाता है, पर 20 लाख बच्चों का पेपर सही से नही हो पाता?) (एक ही केंद्र के 6 छात्रों को 720/720 अंक कैसे मिले? परिणाम 14 जून के बजाय 4 जून (चुनाव परिणाम दिवस) को क्यों घोषित किए गए? कुछ गड़बड़ है, लाखों नीट उम्मीदवार इसका उत्तर […]

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एनडीए की आसानी से नहीं बनेगी सरकार: यह जनादेश किसकी जीत, किसकी हार? क्या 10 साल बाद लौट रहा गठबंधन सरकार का दौर..

यह भाजपा की स्पष्ट जीत नहीं है। यह एनडीए की जीत ज्यादा है। आंकड़ों की दोपहर तक की स्थिति को देखें तो यह माना जा सकता है कि पूरे पांच साल भाजपा गठबंधन के सहयोगियों खासकर जदयू और तेदेपा के भरोसे रहेगी। इन दोनों दलों के बारे में यह कहना मुश्किल है कि ये भाजपा […]

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प्राइवेट स्कूलों का मकड़जाल: स्कूल बने कॉपी-किताब की दुकान, अभिभावक परेशान। निजी स्कूलों की मनमानी पर कैसे लगेगी लगाम?

देश भर में के प्राइवेट स्कूलों में कॉपी किताबों के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। बाजार से अधिक दामों में लूट मचा रखी है। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से परेशान है। बच्चे अगर पुस्तकें स्कूल की जगह बाहर से खरीद लें तो उनके बच्चों के […]

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क्यों संदिग्ध है अकादमी पुरस्कारों की वार्षिक गतिविधियां ?

आखिर क्यों सही से काम नहीं कर पा रही साहित्य अकादमियां? पिछले दशकों में पुरस्कारों की बंदर बांट कथित साहित्यकारों, कलाकारों और अपने लोगों को प्रस्तुत करने के लिए विशेष साहित्यकार, पुरोधा कलाकार, साहित्य ऋषि जैसी कई श्रेणियां बनी है। जिसके तहत विभिन्न अकादमियां एक दूसरे के अध्यक्षों को पुरस्कृत कर रही है और निर्णायकों […]

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परिवार दिवस विशेष: फूट-कलह ने खींच दी, हर आँगन दीवार

भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर दिया है. पत्थर होते हर आंगन में फ़ूट-कलह का नंगा नाच हो रहा है. आपसी मतभेदों ने गहरे मन भेद कर दिए है. बड़े-बुजुर्गों की […]

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चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति..

समाचार पत्र और यहां तक कि लेखकों को भी अस्तित्व बचाने के लिए गूगल व फे़सबुक को मात देना होगा। बदहाल होती स्थिति पर सवाल यह है- वे ऐसा कैसे करेंगे? सबसे महत्वपूर्ण कारक है न्यूज़ कैरियर की बढ़ोत्तरी- गूगल, फे़सबुक और बाकी दूसरे। एक तरफ वे किसी अन्य द्वारा उत्पादित समाचार ले लेते हैं […]

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खेती घाटे का सौदा लेकिन बड़ी टेढ़ी खीर है एमएसपी की गारंटी वाला कानून

बड़ी टेढ़ी खीर है एमएसपी की गारंटी वाला कानून, एमएसपी कानून की माँग किसान और देश के हित में नहीं है। ब फसल की अच्छी क्वालिटी होगी तभी उसकी एमएसपी पर खरीद की जाएगी अन्यथा नहीं। ऐसे में अगर सरकार ने एमएसपी पर गारंटी दे दी तो उस फसल की क्वालिटी अच्छी है या नहीं […]

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खेलों और धार्मिक आस्था का संगम बड़वा का बाबा रामदेव मेला

भिवानी के गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। अनेक प्रकार के झूले और खेलों का आयोजन किया जाता है। शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण […]

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मंगल ग्रह पर पहुँचना आसान लेकिन कठिन ‘खुले में शौच’ का निपटान

भारत दुनिया का चौथा देश (रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद) और अंतरिक्ष में मंगल जांच शुरू करने वाला एकमात्र उभरता हुआ देश बन गया। लेकिन यह 50% से कम स्वच्छता कवरेज वाले 45 विकासशील देशों के समूह का हिस्सा बना हुआ है,जहां कई नागरिक या तो शौचालय तक पहुंच की कमी […]

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