आखिर क्यों बार-बार पटरी से उतर रही भारतीय रेल? कहीं ये बड़े कारण तो नहीं..

कवच जैसे एटीपी सिस्टम की अनुपस्थिति से ओवरस्पीडिंग या सिग्नल उल्लंघनों के कारण होने वाली टक्करों को रोकना मुश्किल हो जाता है। पुरानी पटरियाँ, खराब रखरखाव कार्यक्रम के साथ मिलकर, अक्सर पटरी से उतरने और दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। 2017 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना का कारण ट्रैक की खराब […]

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प्रोटीन विज्ञान क्रांति: चिकित्सा और प्रौद्योगिकी में परिवर्तनकारी साबित होगा नए प्रोटीन का निर्माण

उभरते हुए साक्ष्य दर्शाते हैं कि प्रोटीन-डिज़ाइन तकनीकों की यह नई नस्ल ऐसे प्रोटीन बना सकती है जो अन्य प्रोटीन से जुड़ते हैं। यह जीव विज्ञान में प्रोटीन फ़ंक्शन को मॉड्यूलेट करने की एक महत्वपूर्ण रणनीति है, और इसे विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना अधिक सटीक और शक्तिशाली चिकित्सा पद्धति का मार्ग हो सकता है। […]

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जलते है केवल पुतले, बढ़ते जा रहे रावण ?

दशहरे पर रावण का दहन एक ट्रेंड बन गया है। लोग इससे सबक नहीं लेते। रावण दहन की संख्या बढ़ाने से किसी तरह का फायदा नहीं होगा। लोग इसे मनोरंजन का साधन केे तौर पर लेने लगे हैं। हमें अपने धार्मिक पुरानों से प्रेरणा लेनी चाहिए। रावण दहन के साथ दुर्गुणों को त्यागना चाहिए। रावण […]

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हरियाणा ने क्षेत्रवाद और जातिवाद को नकारा, क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़

हरियाणा के जनादेश ने देश को एक बड़ा संकेत दिया है, उसकी तरफ़ भी लोगों को ध्यान देना चाहिए। हरियाणा में क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़ हो गई हैं। हरियाणा ने फिलहाल क्षेत्रवाद और जातिवाद को नकार दिया है। जनता ने चुप रहकर सबका हित चाहने वालों को दिया वोट। पब्लिक सब जानती है किस […]

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‘कार्बन क्रेडिट खेती’ में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभ का द्वार

कृषि में कार्बन क्रेडिट बाजार अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इसके लिए सख्त नियामक प्रणाली की आवश्यकता है। छोटे पैमाने के किसान जो कम कार्बन और वनों की कटाई से मुक्त पद्धतियों को लागू करते हैं, वे कार्बन बाजारों से लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में हैं। कार्बन बाजार उन किसानों को मुआवजा देने […]

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चुनाव के समय खंडित न हो भाईचारे का भाव

चुनाव में कुछ लोगों द्वारा इसे आपसी साख का प्रश्न बना लिया जाता है जो धीरे-धीरे जहर का रूप ले लेता है। बढ़ती प्रतिद्धंद्विता रिश्तों का क़त्ल करने लगती है। अगर कोई ऐसे समय साथ न दे तो मित्र भी दुश्मन लगने लग जाते है। मगर यह हमारी भूल है। कोई भी चुनाव आखरी नहीं […]

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नग्नता का नंगा नाच करती सोशल मीडिया..

जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो। इस नग्नता को हम आधुनिकता के […]

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हरियाणा का खराब लिंगानुपात क्यों नहीं बना चुनावी मुद्दा?

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के शुरुआती साल 2014 में लिंगानुपात में कुछ सुधार के बाद हरियाणा में यह फिर से बिगड़ने लगा है। एक साल में ही हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में बड़ा सुधार हुआ। एक हज़ार लड़कों के मुकाबले 900 लड़कियों के जन्म के साथ ही यह बीते 20 साल के […]

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डिजिटल दुनिया में क्या देख रहे हैं आपके बच्चे: साइबर सुरक्षा आधुनिक पेरेंटिंग का एक अनिवार्य हिस्सा

डिजिटल युग में, ऑनलाइन सुरक्षा और बच्चों के सूचना तक पहुँच के अधिकार के बीच संतुलन बनाना एक जटिल चुनौती बनी हुई है। सहयोगात्मक प्रयासों, डिजिटल साक्षरता में सुधार और आयु-उपयुक्त मजबूत विनियमों को लागू कर, बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बेहतर तरीके से सुरक्षित किया जा सकता है। बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा आधुनिक […]

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बाबाओं के मायाजाल में फंसती भीड़: इनके पीछे जनता के भागने का क्या है अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान ?

आजकल विभिन्न सामाजिक वर्गों में अलग-अलग िकस्म के अंधविश्वास प्रचलित हैं। इतने जागरूकता अभियानों के बावजूद आज भी आपको गांव-कस्बों में भूत-प्रेत के िकस्से सुनने को मिल जाएंगे। वहीं हायर क्लास के अंधविश्वास अलग हैं। इस क्लास में भी असुरक्षा की भावना कम नहीं है। इस वर्ग के लोग यूं तो अत्याधुनिक होने का दावा […]

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