खबर का असर, अधिकारियों ने सम्बंधित ब्लोकों में जारी किया नोटिस, होगी कार्यवाही
दोषियों के खिलाफ निलंबन के साथ होंगी कानूनी कार्यवाही- उपेंद्र सिंह
बड़ी देर से जागा शिक्षा विभाग, बड़ी देर कर दी जगते जगते
डिजिटल लाइव व up18 news की मुहिम लायी रंग, जांच कर विभाग करेगा बड़ी कार्यवाही
अरुन कुमार के खाते में गए सरकारी धन की गहनता से जांच करेंगे खंड शिक्षाधिकारी-बी एस ए
फर्जी पीपीए जनरेट कर अरुन के खाते में भेजने और निकालने वालों का होगा चिन्हाकन
सरकारी धन के बंदर बांट में लिप्त सिण्डिकेट का टूटेगा तिलिस्म
फिरोजाबाद। जिले की नारखी व टूंडला ब्लॉक में हमारे द्वारा चलाई जा रही मुहिम
“परिषदीय विद्यालय के हलक की खबर”
का असर देखने को मिला है जिसमें विभाग के मुखिया ने अपने अधीनस्थों को निर्देश के साथ-साथ पत्र जारी कर इस सिंडिकेट में लिप्त गुरुजनों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं सूत्रों की माने तो ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा आनन फ़ानन में संकुल मीटिंग बुलाई गयी जिसमें पीपीए प्रकरण की पूरी जानकारी इकट्ठा की है साथ ही एक पत्र जारी किया गया है जिसमें फर्जी पीपीए जनरेट कर अरुण कुमार के खाते में भेजी गई धनराशि की जांच करने की भी बात कही है तो इससे स्पष्ट होता है कि विभाग अब इस सिण्डिकेट की जांचकर सरगना तक पहुंचकर बड़ी कार्यवाही अमल में लायेगा।
विभागीय जांच के साथ होंगी कानूनी कार्यवाही -उपेंद्र सिंह
विकासखंड नारखी के खंड शिक्षा अधिकारी उपेंद्र सिंह ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि जांच प्रक्रिया में यदि विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा फर्जी पीपीए जनरेट कर अरुण कुमार के खाते में धनराशि भेजी गई है तो उसके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई तय है साथ ही साथ अरुण कुमार के खाते से किसी भी विभाग के व्यक्ति ने अगर धनराशि निकाली है तो उस के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी
जांच में परत दर परत खुल जायेंगे भ्रष्टाचार के राज
विकासखंड नारखी के मोहम्मदी संकुल में आने वाले कुछ विद्यालय जांच के घेरे में है उनका चिन्हिकरण कर कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है जिसमें सभी राज परत दर परत खुल जाएंगे और इस बड़े सिण्डिकेट का पर्दाफाश हो जाएगा
विभाग में नहीं चलना चाहिए सिण्डिकेट
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के लाखों नौनिहालों को भविष्य का निर्माता बनाया जाता है यहां पर गुरु जन विद्यालयों में छात्रों के प्रति समर्पण की भावना से कार्य करते हैं लेकिन विभाग में सिंडिकेट के माध्यम से जो प्रायोजित क्रियाकलाप किए जाते हैं वह किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे किसी भी तरह का सिंडिकेट के माध्यम से सरकारी धन का बंदर बांट नहीं होने दिया जायेगा। क्योंकि शिक्षा का मंदिर एक सबसे बड़ा मंदिर होता है जिसमें ज्ञानवर्धन के लिए आते हैं नाकि धन अर्जन करने के लिए आते हैं इसलिए विभाग में सिण्डिकेट नहीं चलना चाहिए।
रिपोर्ट- JP सिंह