यूपी में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है। 1 महीने 5 दिन तक हुए सर्वे में प्रदेश में करीब 7500 मदरसे ऐसे मिले हैं, जिनकी मान्यता नहीं है। सबसे ज्यादा मुरादाबाद में 585, बस्ती में 350 और मुजफ्फरनगर में 240 मदरसे बिना मान्यता मिले हैं। राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां पर 100 मदरसों की मान्यता नहीं है।
यानी लखनऊ से पांच गुना ज्यादा मदरसे मुरादाबाद और तीन गुना ज्यादा बस्ती जिले में हैं। इसके अलावा, प्रयागराज-मऊ में 90, आजमगढ़ में 95 और कानपुर में 85 से ज्यादा मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं।
“शासन करेगा मदरसों पर फैसला”
यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट टीम के सभी सदस्य जिले के डीएम को सौंपेंगे। डीएम समीक्षा के बाद रिपोर्ट बनाकर 15 नवंबर तक शासन को भेजेंगे। इसके बाद शासन की ओर से इन मदरसों पर फैसला लिया जाएगा।
“शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हुआ सर्वे”
यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा, ”सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के मकसद से सर्वे कराया है। सर्वे का मकसद मदरसे को अवैध सिद्ध करना नहीं। केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का है। योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद 10 सितंबर को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू किया गया था। 20 अक्टूबर तक सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।”
मंत्री बोले, अवैध तरीके से फंडिंग वाले मदरसों पर कार्रवाई होगी
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 15 नवंबर तक सर्वे की पूरी रिपोर्ट आ जाएगी। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को हम वैध नहीं मान सकते हैं, लेकिन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में हम किस तरीके के कार्य कराएं। उन्हें राष्ट्रीय परियोजनाओं से जोड़कर मुख्यधारा में लाने का काम कैसे किया जाए। इस पर काम होगा। अवैध तरीके से फंडिग अर्जित करने वाले मदरसों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
प्रदेश में 7442 मान्यता प्राप्त मदरसे, इनमें 19 लाख छात्र
यूपी सरकार मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान देती है। मगर कई ऐसे भी मदरसे हैं, जिन्हें मान्यता नहीं है। 7442 मान्यता प्राप्त मदरसों में करीब 19 लाख छात्र पढ़ते हैं। औसतन एक मदरसे में करीब 250 बच्चे हैं। सरकार का मानना है कि अगर 20 हजार गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे भी मान लिए जाएं और बच्चों की संख्या 50 मानें तो तकरीबन 10 लाख बच्चे वहां पढ़ रहे हैं।
2017 से मदरसा बोर्ड ने नहीं दी मान्यता
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने 2017 से मान्यता देना बंद कर दिया है। सर्वे के दौरान कई मदरसा संचालकों ने अफसरों को मान्यता नहीं होने की यही वजह बताई है। मदरसा प्रबंधकों का कहना है कि सभी दस्तावेज देने के बाद भी मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वह दीनी तालीम देने के लिए मदरसा संचालित कर रहे हैं। सरकार के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल 15 हजार 6 सौ 13 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
इन प्वॉइंट्स पर तैयार की गई रिपोर्ट
मदरसे का नाम
मदरसे को संचालित करने वाली संस्था।
स्थापना वर्ष
मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी अथवा किराए का भवन)
क्या मदरसे का भवन छात्र छात्राओं हेतु उपयुक्त है? (सुरक्षित भवन/ पेयजल/ फर्नीचर/ विद्युत आपूर्ति/ शौचालय आदि)
मदरसे में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की कुल संख्या क्या है?
मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या क्या है?
मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है?
मदरसे की आय का स्रोत क्या है?
क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं?
क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर हां तो विवरण देना होगा।
अभियुक्ति (इसमें मदरसा संचालक पक्ष रखना है)
-एजेंसी
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