सुप्रीम कोर्ट नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 232 याचिकाओं पर 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले आज CJI यू यू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस एस रवींद्र भट व जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने 2 हफ्ते के अंदर असम और त्रिपुरा को इससे जुड़े मामले में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। वहीं केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए इन याचिकाओं को खारिज करने की अपील की है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की वकील पल्लवी प्रताप और केंद्र सरकार की ओर से कानू अग्रवाल नोडल नियुक्त किया है, जो इससे जुड़े डॉक्युमेंट को करते हुए दोनों पक्षों को देंगे।
केंद्र सरकार ने CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का किया अनुरोध
बीते दिन रविवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि CAA कानून का एक छोटा सा टुकड़ा है, जो भारतीय नागरिकता को प्राप्त करने के लिए बने नियम को प्रभावित नहीं करता है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह अधिनियम “किसी भी तरह से असम में अवैध प्रवास को प्रोत्साहित नहीं करता है। इसको लेकर निराधार आशंकाएं फैलाई गई हैं।”
7 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे CJI उदय उमेश ललित
CAA की याचिकाओं की सुनवाई कर रही पीठ में CJI उदय उमेश ललित भी शामिल हैं, जो 7 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद 8 नवंबर को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालेंगे, जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI उदय उमेश ललित की सिफारिश में 17 अकटूबर को नियुक्त किया है।
-Compiled by up18 News