अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) और अडानी मामले (Adani) की जांच की मांग वाली याचिका पर आज फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में सेबी की मांग पर उसे तीन महीने का वक्त दिया है। कोर्ट ने सेबी को 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि सेबी ने इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 6 महीने का वक्त मांगा था। सेबी (SEBI) ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि मामला बहुत जटिल है इसलिए मामले की जांच के लिए उन्हें कुछ और वक्त चाहिए। हालांकि कोर्ट ने छह महीने के बजाए तीन महीने का वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वो तीन महीने में अडानी मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंपे।
कोर्ट में आज हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट आज बुधवार को इस याचिका पर आज फिर से सुनवाई हुई। जहां सेबी एक बार फिर से अपना पक्ष रखा और अतिरिक्त समय की मांग की। सोमवार को कोर्ट ने सेबी की छह महीने के विस्तार की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई को स्थगित कर दिया था। आज फिर से इस मामले में सुनवाई होगी। सेबी का कहना है कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर किसी भी कनक्लूजन पर पहुंचने के लिए उन्हें 6 महीने की जरूरत है। मामले की जटिलता के आधार पर उन्होंने ये वक्त मांगा । कोर्ट ने सेबी की दलील सुनने के बाद तीन महीने का वक्त दिया।
सेबी ने जांच को लेकर कही बड़ी बात
सेबी ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि अडानी ग्रुप की कोई भी लिस्टेड कंपनी उन 51 कंपनियों का हिस्सा नहीं थी। कोर्ट में उन्होंने कहा कि साल 2016 से चल रही उनकी जांच में अडानी की कंपनियां शामिल नहीं है। गौरतलब है कि अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। 88 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में हिंजनबर्ग ने अडानी पर अकाउंट में हेरफेर, शेयरों की ओवर प्राइसिंग समेत कई गंभीर आरोप लगाए।
Compiled: up18 News
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