मुंबई: मकर संक्रांति का त्यौहार बढ़ते दिन के साथ एक उम्मीद लेकर आता है जो हमारी संस्कृति की परंपराओं को खूबसूरती से निखारता है। सन नियो के शो ‘छठी मैया की बिटिया’, ‘इश्क़ जबरिया’ और ‘साझा सिंदूर’ से जुड़े आपके पसंदीदा कलाकार- बृंदा दहल, सिद्धि शर्मा और स्तुति विंकले ने इस खास मौके पर अपने यादगार पलों और उत्सव मनाने के अनोखे अंदाज़ को अपने दर्शकों से साझा किया। आइए, जानें उनके मकर संक्रांति के अनुभव और उत्सव से जुड़ी ढेर सारी खुशियों के बारे में!
‘छठी मैया की बिटिया’ शो में वैष्णवी का किरदार निभा रहीं बृंदा दहल ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं नेपाल से हूँ, जहाँ हम मकर संक्रांति को पारंपरिक तरीके से मनाते हैं। इस दौरान हम चिक्की, लड्डू, दही चूरा और गुड़ चूरा बनाते हैं। वहाँ एक खास परंपरा है, जिसमें बच्चे रस्सियों से सड़क को रोकते हैं, लोगों से पैसे माँगते हैं, शिव-पार्वती की मूर्तियाँ रखते हैं और तब तक उनकी पूजा करते हैं, जब तक दान नहीं मिल जाता। पतंग उड़ाना हमारे यहां का हिस्सा नहीं है, लेकिन मेरा पहला अनुभव तब हुआ, जब मैंने ‘छठी मैया की बिटिया’ शो की शूटिंग के दौरान पतंग उड़ाना सीखा। सेट पर मौजूद सभी ने मुझे पतंग उड़ाना सिखाया।”
सन नियो के शो ‘इश्क़ जबरिया’ में गुल्की का किरदार निभा रही सिद्धि शर्मा ने मकर संक्रांति को लेकर अपनी खास यादें साझा कीं। उन्होंने कहा, “मकर संक्रांति हमारे लिए बेहद खास होती है, क्योंकि इसी दिन मेरे पिता का जन्मदिन भी होता है। हम दिन की शुरुआत मंदिर जाकर करते हैं और दान-पुण्य करने की परंपरा निभाते हैं। शाम को पतंगबाजी का भी मजा लिया जाता है। भले ही मैं खुद पतंग उड़ाना नहीं जानती हूँ, लेकिन मुझे आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ते देखना बहुत अच्छा लगता है। मुझे उम्मीद है कि ‘इश्क़ जबरिया’ में मकर संक्रांति से जुड़ा पतंगबाजी का एक सीन जरूर दिखाया जाए, ताकि वे बचपन की खूबसूरत यादों को फिर से जी सकें।”
सन नियो के शो ‘साझा सिंदूर’ में फूली का किरदार निभा रहीं स्तुति विंकले ने मकर संक्रांति से जुड़ी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पतंगबाजी की मस्ती की वजह से संक्रांति मेरा हमेशा से पसंदीदा त्यौहार रहा है। बचपन में हम दोस्त पहले ही पतंगें खरीद लेते थे और घंटों छत पर बैठकर उन्हें उड़ाते रहते थे। इस साल में अपनी रील लाइफ फैमिली यानी ‘साझा सिंदूर’ के सेट पर मकर संक्रांति मनाने वाली हूँ। मुझे खुशी होगी यदि मैं सेट पर सबके साथ तिल-गुड़ के लड्डू बाँटकर इस त्यौहार को खास बना पाऊँ।”
‘छठी मैया की बिटिया’ एक दिल छूने वाली कहानी है, जिसमें एक अनाथ वैष्णवी (बृंदा दहल द्वारा अभिनीत किरदार) को छठी मैया अपनी माँ की तरह प्रतीत होती हैं। वहीं, ‘इश्क़ जबरिया’ में गुल्की (सिद्धि शर्मा द्वारा अभिनीत किरदार) की प्रेरणादायक यात्रा दिखाई जाती है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती है।
‘साझा सिंदूर’ में फूली (स्तुति विंकले द्वारा अभिनीत किरदार) की कहानी भी है, जिसमें एक युवती को उसके दूल्हे की शादी के दिन अचानक मौत के बाद अविवाहित विधवा करार दिया जाता है। इन सभी पात्रों की भावनाओं और संघर्षों से जुड़ी ये कहानियाँ दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं।
-up18News
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