भारत के मुरली श्रीशंकर ने राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की लॉन्ग जंप में रजत पदक जीता है. 23 साल के मुरली श्रीशंकर कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में लॉन्ग जंप इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट बन गए हैं.
इससे पहले 1978 कॉमनवेल्थ गेम्स में सुरेश बाबू ने कांस्य पदक जीता था.
महिलाओं के वर्ग में इससे पहले भारत ने रजत पदक जीता था. 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रजुषा मलिआक्कल ने ये इतिहास बनाया था.
अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2002 में मैनचेस्टर में कांस्य पदक हासिल किया था.
इस स्पर्धा में बहामास के लकान नायरन ने स्वर्ण पदक और दक्षिण अफ़्रीका के जोवन वैन वुरेन ने कांस्य पदक जीता.
मुरली श्रीशंकर ने सिल्वर मेडल जीतने के लिए छह प्रयासों में 8.08 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई. पहले प्रयास में मुरली 7.60 मीटर कूद लगाने में कामयाब रहे.
पैरा-पावरलिफ़्टिंग में गोल्ड जीतकर सुधीर ने रचा इतिहास
बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स की पैरा पावरलिफ़्टिंग स्पर्धा में भारत के सुधीर ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.
सुधीर ने इस स्पर्धा के हैवीवेट फ़ाइनल में 212 किलोग्राम वज़न उठाकर स्वर्ण पदक जीता.
इसी के साथ कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के खाते में अभी तक छह स्वर्ण पदक आ गए हैं.
सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावर लिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है.
पहले प्रयास में 87.30 किलोग्राम वज़न वाले सुधीर 208 किलोग्राम भार उठाने में कामयाब रहे, जबकि दूसरे प्रयास में उन्होंने 212 किलोग्राम भार उठाया.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सुधीर की उपलब्धि पर बधाई दी है और कहा है कि एक बार फिर से हरियाणा के एथलीट ने वैश्विक मंच पर छाप छोड़ी है.
-एजेंसी
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