कार्तिकेय या मुरुगन (तमिल: முருகன்), एक लोकप्रिय हिन्दु देव हैं और इनके अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं। इनकी पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिल नाडु में की जाती है इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं।
दरअसल तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 75 किलोमीटर दूर श्रीचंद मुरुगन यानी भगवान कार्तिकेय का मंदिर है। 17 वीं शताब्दी में डचो ने इस मंदिर पर आक्रमण करके मंदिर का सारा खजाना और भगवान कार्तिकेय की पंचतंत्र लोहे से बनी मूर्ति चुरा कर भाग रहे थे, लेकिन जैसे ही वे समुद्र के बीच पहुंचे अचानक मौसम बिगड़ गया, जिससे समुंद्र में भयानक तूफान और बारिश होने लगी। इतने में नाविक बोला ये इस मूर्ति का प्रकोप है। हम इसे नहीं ले जा सकते और जहाज के कैप्टन ने जान बचाने के लिए उस मूर्ति को समंदर में छोड़ दिया, जिसके थोड़ी देर बाद तूफान थम गया। 1 दिन भगवान श्री चंद्र मुरुगन अपने भक्तों के सपने में आए और उसे मूर्ति के बारे में बताया।
भगवान बोले समुद्र में मेरे ऊपर एक नींबू तैरता हुआ दिखेगा। उसी के ठीक नीचे मेरी मूर्ति है और उस मूर्ति को ढूंढ कर इस मंदिर का निर्माण किया गया। साल 2004 में इस मंदिर के पास भयानक सुनामी आई लेकिन मंदिर के पास आते ही 2 किलो मीटर दूर चली गई।
– एजेंसी