आगरा :–श्रावण मास शुरू हो गया है शिवालयों में भक्तों का ताता लगा हुआ है। ताज नगरी आगरा में हम आपको ऐसे मंदिर के दर्शन कराएंगे जहां मनकामेश्वर नाथ विराजमान है जो भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। और इस शिवलिंग की स्वयं भोले शंकर ने की थी।
आगरा का मनकामेश्वर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। बताया जाता है इसकी स्थापना द्वापर युग में हुई। बताया जाता है कि भगवान शिव स्वयं भगवान कृष्ण के जन्म के समय मथुरा जा रहे थे, और उन्होंने इस स्थान पर विश्राम किया था। जहां आज मंदिर स्थित है।
जब भगवान शिव बाल कृष्ण के दर्शन के लिए गए तो यशोदा मां ने उन्हें अपने रूप के कारण कृष्ण को उनसे मिलाने से मना कर दिया।
भगवान शिव के दुखी होने पर यशोदा मां ने कृष्ण को उनसे मिलवाया। जिससे शिव जी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की। और शिवलिंग को आशीर्वाद दिया कि जो भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना मांगेगा उसकी मनोकामना जरुर पूर्ण होगी।
यह माना जाता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए इसका नाम मनकामेश्वर पड़ा।
मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग चांदी से मढ़ा हुआ है। मंदिर परिसर में ऋणमुक्तेश्वर और सिद्धेश्वर महादेव के शिवलिंग भी हैं।
सालों से भक्त अपनी मनोकामना लेकर मनकामेश्वर महादेव दर्शन के लिए आते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते है तो भगवान मनकामेश्वर नाथ उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
श्री मनकामेश्वर नाथ मठ के महंत योगेश पुरी का कहना है कि सुबह शाम मनकामेश्वर नाथ की पूजा अर्चना की जाती है। अलग-अलग रूप में बाबा को सजाया जाता है और सावन मास के महीने में विशेष रूप से बाबा पर गंगाजल चढ़ता है और फिर फूलों से उनका श्रृंगार किया जाता है।
बाबा मनकामेश्वर नाथ की छवि अद्भुत दिखती है। 1980 में पुरात्तव की टीम ने यहां पर आकर सर्वे किया था। यह बताया गया था कि यह मंदिर 3500 साल से भी पुराना हो सकता है। लेकिन उन्होंने सर्वे नहीं कराया । महंत योगेश पुरी यहां पर 28वी पीढ़ी के रूप में सेवा कर रहे हैं।
-मयंक चावला