शादी के 15 दिन बाद सीवान के युवक को कुवैत का वीजा मिल जाता है। 5 साल तक वह घर नहीं लौटता, लेकिन जब वह घर आता है तो पत्नी की गोद में 3 साल का बेटा मिलता है। वह खुश है। यह सब कुछ हुआ एक प्लानिंग के तहत। युवक को पता था कि वह 5 साल तक नहीं लौटेगा, इसलिए उसने पटना के स्पर्म बैंक में अपना स्पर्म प्रिजर्व करवा दिया। दो साल बाद वहां से फोन किया। यहां डॉक्टर ने उसकी पत्नी को स्पर्म कंसीव करा दिया और वह मां बन गई।
जहानाबाद के रहने वाले एक सैनिक की शादी हुई। पोस्टिंग पर कश्मीर जाने से पहले ही उसने पटना में अपना स्पर्म प्रिजर्व कराया। सैनिक की शादी हुई थी। एक साल पहले वह स्पर्म देकर गया है। वह चाहता था कि वह न भी रहे तो उसका बच्चा इस दुनिया में आए, जिससे वंश आगे बढ़े।
यह कहानी है बदलते बिहार की। एक-दो नहीं, प्रदेश में ऐसे 5 हजार लोग हैं जो राज्य या देश से बाहर हैं, लेकिन भविष्य के बच्चे के लिए उन्होंने अपना स्पर्म प्रिजर्व कराया है। बिहार में तेजी से स्पर्म बैंक का चलन बढ़ा है। अब तो पुरुषों की तरह महिलाएं भी एग प्रिजर्व करा रही हैं। इनकी संख्या पुरुषों से 10% ज्यादा है। इसमें से ज्यादातर करियर पर पहले फोकस करने के लिए ऐसा कर रही हैं।
-एजेंसी
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