जांच में पाए गए काफी सबूत
स्पेशल जज एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के आधार हैं कि आरोप अच्छी तरह से स्थापित हैं। आरोपी की संलिप्तता के बारे में विस्तृत सबूत हैं। स्पेशल जज ने कहा, ‘तथ्यों को छुपाने, लोन बांटते समय अनियमितता बरतने, लोन की राशि का दुरुपयोग करने, लोन का दूसरे उद्देश्य के लिए इस्तेमाल, इनाम में लोन का कुछ हिस्सा प्राप्त करने से जुड़े आरोप हैं।’ स्पेशल जज ने विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन द्वारा पेश की गई प्रस्तुतियों को स्वीकार किया है।
अधिकतम सजा आजीवन कारावास
जज ने कहा कि आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के उद्देश्य से आपराधिक साजिश रचने और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित अपराधों का उल्लेख किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध केवल लोक सेवक या बैंकरों, व्यापारियों या एजेंटों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
इस मामले में शामिल एकमात्र लोक सेवक आरोपी नंबर 4 (चंदा कोचर) है।’ धारा 409 में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
Compiled: up18 News
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