सपा नेता आजम खान के लिए आज का दिन काफी परेशान करने वाला साबित हुआ है। उन्हें आज दोहरे झटके लगे हैं. पहले तो इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो गई. बाद में रामपुर-एमपी एमएलए कोर्ट से आजम खान को एक और झटका लगा. कोर्ट ने खान को सुनाई 7 साल जबकि बाकी दोषियों को 5 साल की सजा सुनाई. यह सजा डूंगरपुर प्रकरण में हुई है.
आजम खान को आईपीसी धारा 427, 504, 506, 447 और 120B के तहत दोषी करार दिया गया था. इस मामले में आजम खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन दोषी पाए गए हैं. आज चोरों को सजा हुई. सजा सुनाए जाने के दौरान आजम खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से पेशी हुई.
गौरतलब है कि सपा सरकार के शासनकाल में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे. इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे. आरोप था कि सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था. इस मामले में पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था.
वर्ष 2019 में बीजेपी सरकार आने पर रामपुर के गंज थाने में इस मामले में करीब एक दर्जन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे. आरोप लगाया कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था. वहां पहले से बने मकानों पर बुलडोजर भी चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया था.
-एजेंसी
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