इस्लाम खबर की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। वहीं पीओके के एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि अब पाकिस्तानी सेना को एक और इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर यानी समर्पण पत्र तैयार कर लेना चाहिए।
पीओके में 1971 जैसे हालात बन रहे
ब्रिटेन में रह रहे अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तान के पीओके और गिलगित बलटिस्तान में हालात लगातार खराब हो रहे हैं। लोगों के पास खाना बनाने के लिए आटा तक नहीं है। लोगों के पास बिजली नहीं है। लोग आर्थिक मंदी के चलते भूख से मरने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा है कि अब 1971 जैसे हालात बन रहे हैं। जब ईस्ट पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया था।
बिना जंग पीओके और गिलगित बलटिस्तान भारत को सौंप दें पाकिस्तान पाकिस्तान की आर्मी को यह अहसास हो जाना चाहिए की अब वो देश चलाने के काबिल नहीं रहे हैं। अब उन्हें शाहबाज शरीफ या इमरान को कठपुतली बनाकर सरकार चलाना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना को पीओके और गिलगित बलटिस्तान को लेकर बिना जंग एक समर्पण पर साइन देना चाहिए। इस हिस्से को फिर से भारत को सौंप देना चाहिए। इससे खून-खराबा नहीं होगा और कई लोगों की जान भी बच जाएगी।
पाकिस्तान में पिछले साल जुलाई में बाढ़ आई थी, जिससे बड़े पैमाने पर खेत तबाह हो गए थे। देश में विदेशी मुद्रा भंडार 4.6 बिलियन अमरीकी डालर के नए निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो तीन हफ्ते के लिए विदेशी आयात बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त होगा। एनालिस्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान को राहत के लिए 33 अरब डॉलर की जरूरत है।
-Compiled by up18 News
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