नोएडा के ट्विन टावर की तरह गिराया जाएगा दिल्‍ली के मुखर्जी नगर का सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट

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ब्लास्ट करने के लिए कंपनी को किया जा रहा फाइनल

उन्होंने बताया कि सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को ब्लास्ट करने के लिए कंपनी को भी फाइनल किया जा रहा है। एग्रीमेंट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जो कंपनी सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को गिराएगी, वही इस जगह नया अपार्टमेंट बनाएगी। सिग्नेचर व्यू को तोड़ने और नया अपार्टमेंट खड़ा करने के लिए कंपनी को तीन साल का समय दिया जाएगा।

डीडीए से मिली जानकारी के अनुसार डीडीए ने सभी औपचारिकताओं के बारे में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के लोगों को बता दिया है। अभी तक इस अपार्टमेंट में रहने वाले सभी फ्लैट मालिकों के एनओसी डीडीए को नहीं मिले हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही डीडीए सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को तोड़ना शुरू करेगा।

अपार्टमेंट बनने के कुछ सालों बाद ही होने लगा जर्जर

डीडीए का बनाया सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट बनने के कुछ सालों बाद ही जर्जर होने लगा था। इसमें कई खामियां नजर आने लगीं। एलजी ने डीडीए को जांच व दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश भी दिए। उन्होंने आदेश दिया कि लोगों को सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के बदले नए अपार्टमेंट बनाकर दिए जाएंगे। आदेश के अनुसार यहां 12 टावरों में बने 336 फ्लैट्स को डीडीए दोबारा बनाएगा। यह काम लोगों के साथ मिलकर किया जाएगा। वहीं आईआईटी दिल्ली ने अपनी रिपोर्ट में इस अपार्टमेंट को असुरक्षित बताया है।

एनओसी मिलने के बाद होगा एक्शन

डीडीए के अनुसार फ्लैट्स मालिको से एनओसी मिलने के बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी। यदि एनओसी एक महीने में मिल जाती है तो इसके बाद डीडीए सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का पूरा आंकलन करेगा। इस आंकलन में डेढ़ महीने का समय लग सकता है। इस प्रक्रिया के बाद डीडीए इस बिल्डिंग को ट्विन टावर की तरह ध्वस्त करने के लिए एजेंसी फाइनल कर आगे की कार्रवाई करेगा।

वहीं आरडब्ल्यूए के अनुसार सभी फ्लैट्स मालिकों से एनओसी लेना आसान नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ फ्लैट्स सालों से बंद पड़े हैं और उनके मालिकों की डीटेल आरडब्ल्यूए के पास भी नहीं है।

Compiled: up18 News


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