आगरा की श्रीमनः कामेश्वर नाथ रामलीला: भए प्रकट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी… रामलीला मंचन में हुआ रामजन्म, हर्षित हुए दिगनेरवासी

विविध

दिगनेर के श्रीमनः कामेश्वर बाल विद्यालय में चल रही है श्रीमनःकामेश्वर रामलीला

रामलीला के तीसरे दिन हुआ राम जन्म, तारका वध और मुनि आगमन प्रसंग

आगरा। हर ओर गूंजने लगे मंगल गीत, बधाइयां होने लगीं। देव जैसे बरसाने लगे पुष्प स्वर्ग से, पृथ्वीवासी उत्साहित हो झूमने लगे। जब हुआ राम का जन्म तो सारे मंगल शगुन होने लगे। गढ़ी ईश्वरा, दिगनेर के श्रीमनः कामेश्वर बाल विद्यालय में चल रही श्रीमनः कामेश्वरनाथ रामलीला में तीसरे दिन रामजन्म, तारका वध और मुनि आगमन प्रसंग का मंचन हुआ। लीला आरंभ से पूर्व श्रीमनः कामेश्वर मठ तिलकायत श्रीमहंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने स्वरूपों और श्रीरामचरित मानस की आरती उतार कर किया।

प्रथम दृश्य में रावण और अन्य राक्षसों के अत्याचार से कराह रही पृथ्वी को अत्याचार मुक्त करने के हेतु देवतागण भगवान विष्णु से अवतार लेने की प्रार्थना करते हैं। राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ जी के पास जाना, वशिष्ठ जी द्वारा श्रृंगी ऋषि द्वारा शुभ पुत्र कामेष्ठि यज्ञ करवाना। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर खीर प्रदान करना। राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर प्रदान करना और खीर खाकर तीनों रानियों का गर्भवती होने की लीला हुई। भगवान राम के साथ तीनों भाइयों के जन्म लेते ही राजा दशरथ और रानी कौशल्या बड़े ही उत्साहित थे। अवध में चारों ओर बधाई गान गाए गए।

कौशल्या जायाे लल्ला, अवध में मचो हल्ला, अवध में जनमे रघुराइ, कौशल्या रानी दे दो बधाई। बाल स्वरूप भगवान राम से मिलने शंकर जी योगी का भेष बनाकर आते हैं और इसके बाद चारों भाइयों का नामकरण गुरु वशिष्ठ द्वारा किया जाता है। इसके बाद भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न गुरु वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा दीक्षा के लिए प्रस्थान करते हैं। दूसरे दृश्य में तारका वध का मंचन हुआ।

भगवान राम की बाल लीला का मंचन देख दर्शक हर्षित होते रहे। श्रीकिशाेरी लीला संस्थान के गोविंद मिश्र ने बताया कि रविवार को रामलीला के चौथे दिन मारिच और अहिल्या उद्धार, गंगा दर्शन एवं जनकपुर में प्रवेश का लीला का मंचन होगा।