ज्ञानवापी मामले पर मुस्‍लिम पक्ष को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने किया सर्वे में दखल देने से इंकार

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सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि एएसआई ने सर्वे में किसी भी स्थान पर नुकसान ना पहुंचने का आश्वासन दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हाईकोर्ट ने सर्वे की बात कही है, सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आएंगे. ये तो आपके मामले में काम आएगा, इसमें आप हमारा अयोध्या वाला फैसला ही देख लीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती है.

मुस्लिम पक्ष की ओर से जब आपत्ति जताई गई तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम एसजी का बयान ले लेते हैं. जिसपर एसजी ने बयान दिया कि एएसआई अपना सर्वे करता रहेगा, कोई भी खुदाई अदालत के आदेश के बिना नहीं होगी. जीपीआर सर्वे में एक्सपर्ट्स की मौजूदगी होगी, जबकि वीडियोग्राफी भी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे सिर्फ एक दस्तावेज नहीं होगा, बल्कि दोनों पक्ष के लिए अहम सबूत होगा.

सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हो रही है, तब वाराणसी में एएसआई की टीम ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कर रही है. शुक्रवार को सुबह 7 से 12 बजे तक सर्वे किया जा रहा है, क्योंकि जुमे की नमाज़ की वजह से इस जांच को अभी सीमित किया गया है.

ज्ञानवापी मस्जिद मामले से जुड़ी अहम बातें

वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट गया था. हाईकोर्ट ने पहले 3 अगस्त तक इसपर रोक लगाई थी, बाद में गुरुवार को सुनवाई के दौरान एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी.

मुस्लिम पक्ष अभी भी सर्वे का विरोध कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट में इसे रोकने के लिए अपील दाखिल की है. हिन्दू पक्ष ने भी सर्वोच्च अदालत में कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष सुन लिया जाए.

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कुछ महिलाओं ने श्रृंगार-गौरी स्थल पर पूजा करने की अनुमति मांगी थी. इसी याचिका के बाद परिसर में सर्वे का आदेश दिया गया था, हालांकि वजूखाने या अन्य विवादित स्थल को सर्वे से दूर रखा गया था.

– एजेंसी