मनी लॉन्ड्रिंग: राणा कपूर के खिलाफ दायर ED की चार्जशीट में गांधी परिवार पर गंभीर आरोप, एजेएल-यंग इंडियन डील में भी बढ़ा खतरा

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अभी तो अपने 600 पन्नों वाली रणनीति से कांग्रेस के कायाकल्प का खाका पेश कर ही रहे हैं कि गांधी परिवार पर एक बड़ी नई आफत मंडराने लगी है। प्रवर्तन निदेशालय ED ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ दायर चार्जशीट में सोनिया गांधी को लेकर जो दावा किया है, वह बड़ी मुसीबत बनी सकती है। इससे पहले ईडी इशारा कर चुका है कि असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड AJL-यंग इंडियन डील की जांच अब सीधे सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की तरफ बढ़ेगी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार समेत इसके कर्ता-धर्ताओं के मन में यह सवाल तो जरूर उठता होगा कि यह संयोग है या प्रयोग?

यूपी के दो लड़के’ की असफलता के बाद फिर कांग्रेस के दर पर पीके

दरअसल, कांग्रेस पार्टी चुनावी रणनीतिकार के करीबी संपर्क में है और कहा जा रहा है कि गांधी परिवार और खासकर प्रियंका गांधी पीके को पार्टी में एंट्री देने का मूड बना चुकी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वर्ष 2014 में चुनाव अभियान की कमान संभालने वाले किशोर जेडीयू, टीएमसी होते हुए कांग्रेस के दर पर दोबारा पहुंचे हैं। वो 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं। उन्होंने ही भारतीय जनता पार्टी BJP के बरक्स कांग्रेस और समाजवादी पार्टी SP के बीच गठबंधन का फॉर्म्युला तैयार किया और ‘यूपी के लड़के’ का नारा दिया।

ध्यान रहे कि राहुल गांधी को उनके नाना और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के इलाहाबाद के होने से जोड़कर बताया जाता है। वैसे भी गांधी परिवार उत्तर प्रदेश से ही चुनाव मैदान में उतरता रहा है। खुद राहुल गांधी अमेठी से सांसद बना करते थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वो यह सीट बीजेपी की तेज-तर्रार नेता स्मृति इरानी के हाथों गंवा बैठे और अभी केरल के वायनाड से सांसद हैं।

600 पन्नों के प्रजेंटेशन के साथ तैयार हैं पीके

बहरहाल, प्रशांत किशोर के ‘यूपी के लड़के’ का क्या हुआ था यह सबको पता है। बीजेपी को 403 सीटों वाली विधानसभा में 312 सीटों के साथ तीन चौथाई बहुमत मिला जबकि सपा 47 और कांग्रेस पार्टी 7 सीटों पर सिमट गई। प्रशांत किशोर कहते हैं कि उनके ‘राजनीतिक सहयोगी’ वाले अपने करियर में यह अब तक का एकमात्र हार है।

खैर, पीके फिर से कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं। उन्होंने ताजा दौर की बातचीत के लिए सोनिया, प्रियंका और राहुल समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेतृत्व के साथ छह बैठकें कर चुके हैं।

बताया जा रहा है कि उनके पास कांग्रेस के उद्धार के लिए 600 पन्नों का प्रजेंटेशन है जिनमें 50-55 पेज पार्टी नेताओं को दिखा चुके हैं। इस बीच पहले एजेएल-यंग इंडियन और अब राणा कपूर के मामले में ईडी गांधी परिवार पर शिकंजा कसने की तैयारी में दिखने लगा है।

यश बैंक-राणा कपूर केस में गांधी परिवार पर गंभीर आरोप

ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में स्पेशल कोर्ट के सामने चार्जशीट दायर की है। राणा कपूर ने ईडी को बताया है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रियंका गांधी से देश के मशहूर मरहूम पत्रकार एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया। कपूर ने कहा कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मुरली देवड़ा ने उनसे कहा कि अगर वो प्रियंका से पेंटिंग नहीं खरीदते हैं तो न केवल उनका कांग्रेस के साथ संबंध सही नहीं होंगे बल्कि पद्म पुरस्कार मिलने की संभावनाओं पर भी पानी फिर जाएगा।

कपूर का दावा है कि पेंटिंग की खरीद के लिए उनकी तरफ से दिए गए पैसों से ही सोनिया गांधी अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में इलाज हुआ था। चार्जशीट में इन दावों का उल्लेख किया गया है। संभव है कि ईडी कोर्ट इस संबंध में सोनिया और प्रियंका गांधी के साथ-साथ मामले से जुड़े कुछ और कांग्रेसियों से पूछताछ की अनुमति मांगे और उसे अदालत की हरी झंडी भी मिल जाए। ऐसा हुआ तो कांग्रेस और विशेष तौर पर गांधी परिवार के लिए नीम पर करेला चढ़ने वाली कहावत सही साबित हो जाएगी।

एजेएल-यंग इंडियन डील में भी गांधी परिवार पर बढ़ रहा खतरा

दरअसल, करीब दो हफ्ते पहले ही ईडी ने एजेएल और यंग इंडियन के बीच हुई डील के मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी। एजेएल से ही नैशनल हेराल्ड न्यूजपेपर का प्रकाशन हुआ करता था जबकि यंग इंडियन को कांग्रेस पार्टी की परोपकारी संस्था बताया जाता है। ईडी की जांच में सामने आया है कि 400 करोड़ रुपये की संपत्ति वाले कांग्रेस के प्रकाशन संस्थान एजेएल को यंग इंडियन ने सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीद लिया। बड़ी बात यह है कि यंग इंडियन में आधे से ज्यादा हिस्सेदारी गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पास है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एजेएल की संपत्ति ट्रांसफर के मामले में यंग इंडियन पर 145 करोड़ रुपये के टैक्स का दावा ठोक रहा है। यंग इंडियन ने इस दावे का विरोध किया लेकिन इनकम टैक्स ट्राइब्यूनल ने वर्ष 2019 उसकी अपील खारिज करते हुए इन टैक्स के दावे को सही ठहराया। इसी सिलसिले में ईडी ने 11 अप्रैल को एजेएल के मल्लिकार्जुन खड़गे जबकि अगले दिन 12 अप्रैल को पवन बंसल से पूछताछ की। खड़गे यंग इंडियन के सीईओ जबकि बंस एजेएल के एमडी हैं।

आखिर पीके की प्लानिंग का क्या होगा?

इन घटनाक्रम के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सब गांधी परिवार के लिए कठिन दौर शुरू होने के संकेत हैं? एजेएल-यंग इंडियन डील और राणा कपूर केस, दोनों ईडी के हाथों में ही है। गांधी परिवार कहीं इस केंद्रीय जांच एजेंसी की फांस में फंसने वाला तो नहीं? अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस पार्टी को संभलने से पहले ही बड़ा ठोकर लगेगा। उस स्थिति में पीके के प्लान का क्या होगा? कांग्रेस पार्टी के पास सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता है जबकि महाराष्ट्र की सत्ता में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना के साथ भागीदार है। अगले वर्ष राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उसके अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे। प्रशांत किशोर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बचाने और चौबीस के चुनाव में प्रदर्शन सुधारने का टास्क लेकर आए हैं, लेकिन गांधी परिवार पर किसी तरह का खतरा आते ही पीके की प्लानिंग पर भी काला साया मंडराने लगेगा।

-एजेंसियां


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