उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। रेणुका मिश्रा को भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सबसे अधिक सवाल खड़ा हुआ। विपक्ष ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ- साथ युवाओं का आक्रोश लगातार बढ़ा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक मामले की समीक्षा के बाद इसे रद करने का फैसला लिया। छह माह में एक बार फिर परीक्षा की तैयारियां हैं। वहीं, आरओ- एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में भी सीएम योगी ने कार्रवाई की है। इस परीक्षा को भी कैंसिल कर दिया गया है। अब सीएम योगी ने बड़ा फैसला लेते हुए सीनियर आईपीएस राजीव कृष्ण को पुलिस भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया है। राजीव कृष्ण को बीहड़ के अपराधियों का सफाया किया था।
1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। अभी वे यूपी पुलिस के डीजी पद पर तैनात हैं। डीजी विजिलेंस के रूप में वे कार्य कर रहे थे। अब उन्हें पुलिस भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी दे दी हैं। राजीव कृष्ण वर्ष 1991 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। राजीव कृष्ण की चर्चा आगरा में वर्ष 2004 में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है। आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था। बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की थी।
एडीजी आगरा से ही वे डीजी विजिलेंस पर पिछले साल तैनात किए गए थे। उन्हें हाईटेक पुलिसिंग के लिए जाना जाता है। एडीजी रहते हुए उन्होंने आपरेशन पहचान एप के माध्यम से अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया।
महिला बीट, एंटी रोमियो स्क्वाड की ऑनलाइन मॉनिटरिंग का सिस्टम को भी इस साफ्टवेयर में रखा। ई-मालखाने से मुकदमों का ऑनलाइन रिकॉर्ड तक उनके अलग सोच का परिणाम रही है। साइबर अपराध के क्षेत्र में भी राजीव कृष्ण ने बड़ा अभियान चलाया। उनके स्तर पर पुलिस को प्रशिक्षित करने से लेकर लोगों को भी जागरूकता का अभियान चलाया।
इंजीनियरिंग के बाद आईपीएस
राजीव कृष्ण यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 20 जून 1969 को हुआ था। उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की। इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए।
यूपीएससी की ओर से 1991 में उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की। आईपीएस के रूप में उनका सेलेक्शन हुआ। 1993 में आईपीएस कंफर्मेशन के बाद उनका सीनियर स्केल में प्रमोशन 10 अक्टूबर 1995 को हुआ।
सेलेक्शन ग्रेड में 9 अगस्त 2005 को उनका प्रमोशन हुआ। 7 अगस्त 2007 को वे डीआईजी पोस्ट पर प्रमोट किए गए। वहीं, 9 नवंबर 2010 को आईजी के रूप में उनका प्रमोशन हुआ। राजीव एक जनवरी 2016 को एडीजी बनाए गए। इसके बाद पिछले माह एक फरवरी को उन्हें डीजी पोस्ट पर प्रमोट किया गया था।
अब सीएम योगी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। यूपी पुलिस भर्ती के पेपर लीक मामले से निपटते हुए उनको नए सिरे से स्वच्छ माहौल में परीक्षा का आयोजन और चयन की प्रक्रिया को पूरा कराना होगा। इसके लिए राजीव कृष्ण अपने आधुनिक पुलिसिंग के एक्सपीरियंस को यहां प्रयोग में ला सकेंगे।
-एजेंसी
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