बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने आठ कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इन कंपनियों के निवेशकों पर गलत तरीके से पैसा जमा करने के आरोप लगे थे। सेबी ने इन कंपनियों की 16 प्रॉपर्टी नीलाम करने का फैसला किया है। यह नीलामी 30 जनवरी को की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कंपनियों की प्रॉपर्टी की बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इन कंपनियों में विबग्योर ग्रुप, पैलान ग्रुप, टॉवर इंफोटेक ग्रुप, जीबीसी इंडस्ट्रियल कॉर्प ग्रुप, कोलकाता वियर इंडस्ट्रीज, टीचर्स वेलफेयर क्रेडिट एंड होल्डिंग ग्रुप, एनेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड और हैनमैन हर्बल ग्रुप शामिल हैं।
इनकी होगी नीलामी
सेबी के मुताबिक यह नीलामी 47.75 करोड़ रुपये के रिजर्व रेट पर होगी। इसमें प्लॉट, अपार्टमेंट और पश्चिम बंगाल में भूमि पार्सल की नीलामी की जाएगी। इस नीलामी में सहायता के लिए क्विकर रियल्टी को रेगुलेटर नियुक्त किया गया है। यह कदम निवेशकों से पैसा वसूलने के सेबी की कोशिशों का हिस्सा है।
दिए ये निर्देश
रिपोर्ट के मुताबिक नीलामी 30 जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। बोली जमा करने वालों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी न्यायिक प्रक्रिया, संपत्तियों के स्वामित्व और दावों के बारे में अपनी पूछताछ अलग से करें। इन कंपनियों ने सेबी के नियमों का पालन किए बिना इनवेस्टर्स से पैसा जमा किया था।
इस पर लगाया है बैन
भारतीय शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने नेकेड शॉर्ट सेलिंग पर भी बैन लगाया है। सेबी के मुताबिक बाजार में हर कैटेगरी के निवेशकों को को शॉर्ट सेलिंग की इजाजत होगी लेकिन निवेशक नेकेड शॉर्ट-सेलिंग नहीं कर सकेंगे। सेबी के कहा कि वायदा कारोबार यानि फ्यूचर-ऑप्शन में जितने भी स्टॉक्स ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं उसमें शॉर्ट सेलिंग की इजाजत होगी। हिंडनबर्ग विवाद के करीब एक साल बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने नेकेड शॉर्ट सेलिंग को बैन कर दिया है।
-एजेंसी
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