तिहाड़ जेल के जेल महानिदेशक को जेल अधिकारियों ने एक शिकायत सौंपी है। इस शिकायत में अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन ने धमकी देते हुए कहा कि जेल से बाहर निकलने के बाद जेल अधिकारियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
तिहाड़ जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक, जेल नंबर 07 (SCJ-7) के अधीक्षक, उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने के अलावा जेल से बाहर निकलने के बाद देख लेने की धमकी दी।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सत्येंद्र जैन को पिछले साल गिरफ्तार किया था। जैन मई 2022 से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले साल हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले जैन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो मसाज कराते दिख रहे थे। इसको लेकर भाजपा ने जेल में मालिश कराने के उनके वीडियो पर आप पर जमकर हमला बोला। बता दें कि सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के जिस सेल बंद थे, उसकी सफाई करने वाले लोगों के वीडियो बीजेपी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे।
कुमार विश्वास ने क्या कहा?
वहीं इस धमकी देने के आरोप की खबर को शेयर करते हुए कवि कुमार विश्वास ने एक ट्वीट में तंज कसते हुए अलंकार पूछा। उन्होंने लिखा, “अलंकार बताएं? बच्ची के बलात्कार के आरोपी से मसाज कराने वाले, “जेल में बंद” “जेल-मंत्री” ने “जेल कर्मचारियों” को “जेल से निकल कर” “जेल करा देने” की धमकी दी।”
बता दें कि कुमार विश्वास इसके पहले भी आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं की कार्यशैली पर निशाना साधते रहते हैं। पिछले साल सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ गांधी जी की तस्वीर है तो वहीं दूसरी तरफ गणेश और लक्ष्मी जी की तस्वीर लगाई जाए। इस पर कुमार विश्वास ने तंज कसा था।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “दोनों भाजपा और कांग्रेस सदी के सबसे बड़े धूर्त से फ़ालतू ही तर्क कर रहे हैं। उसे पता है कि अल्पसंख्यक वोटबैंक में तो अखिलेश-ममता-नीतीश, आधा दर्जन दावेदार हैं, 82% हिंदू वोटबैंक से आधा भी फंसा लो तो बाक़ी अल्पसंख्यक तो दुत्कारने पर भी मोदी विरोध में मजबूरी में वोट देंगे ही।”
कंझालवाला केस पर कुमार विश्वास ने क्या कहा?
दिल्ली के कंझालवाला केस को लेकर कुमार विश्वास ने एक ट्वीट कर लिखा, “पीठ पर आज भी ताजा हैं वो लाठियां, आंसू-गैस के गोले और वाटर-कैनन। दामिनी से अंजली तक, 10 साल में कुछ नहीं बदला। ना सियासत न पुलिस। दिल्ली पुलिस का आमूल-चूल ओवरहाल आवश्यक है। देश की राजधानी में जितनी साधन-सम्पन्न व अत्याधुनिक पुलिस होनी चाहिए, दिल्ली-पुलिस उस चेहरे से दशकों पीछे है।”
Compiled: up18 News
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