शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में जारी घमासान पर कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा, सत्ता ही तो जाएगी. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे हमारे बहुत पुराने पार्टी मेंबर हैं, हमारे दोस्त हैं. हमने दशकों तक साथ काम किया है. एक-दूसरे को छोड़ना ना तो उनके लिए आसान है और ना ही हमारे लिए. मैंने आज सुबह उनसे बात की है और पार्टी प्रमुख को इसके बारे में सूचित किया है.”
इस बीच संजय राउत ने एक और ट्वीट किया है और लिखा है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम विधानसभा भंग होने की ओर.
राउत ने दावा किय कि एकनाथ शिंदे के साथ जो भी विधायक हैं उनके साथ बातचीत चल रही है. हर कोई शिवसेना में ही रहेगा.
राउत ने कहा कि “हमारी पार्टी एक योद्धा पार्टी है, हम लगातार संघर्ष करेंगे. ज़्यादा से ज़्यादा यही होगा कि हम सत्ता खो देंगे लेकिन हम लड़ना जारी रखेंगे.”
एकनाथ शिंदे का दावा, उनके साथ हैं 40 विधायक
शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे अपने साथ शिवसेना के अन्य विधायकों के साथ गुवाहाटी के एक होटल पहुंच चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स में जहां शिंदे के साथ शिवसेना के 30 विधायकों के होने की संभावना जताई जा रही है, वहीं एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 40 विधायक हैं.
क्या सरकार बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में शहरी विकास मंत्री और शिवसेना के बड़े नेता एकनाथ शिंदे के बागी सुर अपनाने के बाद महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार मुश्किल में है.
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद एक सीट ख़ाली है जिसका मतलब है कि अभी महाराष्ट्र विधानसभा में 287 विधायक हैं.
किसी पार्टी या गठबंधन सरकार को सत्ता में रहने के लिए 144 विधायकों की जरूरत है. इस वक्त महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार है जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल है.
गठबंधन सरकार ने 30 नवंबर 2019 को विधानसभा में विश्वास मत जीतकर सरकार बनाई थी. तब 169 विधायकों ने गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था.
शिवसेना के पास वर्तमान में 55 विधायक, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं.
बीजेपी ने 2019 विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीती थीं लेकिन एक पंढरपुर विधानसभा के उपचुनाव में ये सीट बीजेपी ने एनसीपी से जीत ली थी जिसके बाद बीजेपी के 106 विधायक हैं.
सदन में 13 निर्दलीय हैं. इनमें से तीन विधायक शिवसेना कोटे से गठबंधन सरकार में मंत्री हैं. जिसमें राजेंद्र पाटिल येड्रावकर, शंकरराव गडाख और बच्चू कडू शामिल हैं.
13 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 6 बीजेपी के समर्थक हैं, जबकि पांच ने शिवसेना को और एक एक कांग्रेस और एनसीपी को अपना समर्थन दिया हुआ है.
इसके अलावा जनसुराज्य शक्ति पार्टी के विनय कोरे और राष्ट्रीय समाज पक्ष के रत्नाकर गुट्टे भी भाजपा के समर्थक हैं. वहीं स्वाभिमानी पक्ष के देवेंद्र भुयार और पीडब्ल्यू के श्यामसुंदर शिंदे एनसीपी की तरफ हैं.
एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी के दो-दो विधायक हैं जो गठबंधन सरकार की तरफ हैं जबकि बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायक बीजेपी की तरफ हैं.
वहीं माकपा के पास एक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पास एक और प्रहार जनशक्ति पक्ष पार्टी के पास एक विधायक है.
-एजेंसियां
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