संघ का शताब्‍दी वर्ष: सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले यूपी के 7 दिन प्रवास पर

Politics

16 जनवरी को लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मेलन किया जाना है। मकर संक्रांति का महापर्व भी यहीं मनाएंगे। राजनीतिक जानकार आरएसएस के 7 दिवसीय कार्यक्रम को मिशन 2024 से जोड़कर देख रही है। ऐसे में आने वाले चुनावों में उनके प्रवास के सियासी मायने काफी अहम है।

वैसे तो उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से भाजपा की सरकार है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा की सरकार वाले राज्यों में अपनी नीतियों पर लगातार काम करती रहती है। फिलहाल मिशन 2024 को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शाखाओं को और अनुषांगिक संगठन को और सक्रिय करने की नई रणनीति तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि मिशन 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में शाखा और संघ के पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं। जिससे आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सके।

सियासी दृष्टिकोण से यूपी सबसे बड़ा राज्य

अगर संघ की बात करें तो उत्तर प्रदेश में करीब तीन हजार से ज्यादा सुबह और शाम की शाखाएं हो रही हैं। यूपी को सियासी समीकरण में सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। यहां पर 80 लोकसभा सीटें आती हैं। हालांकि आरएसएस खुद को भारतीय जनता पार्टी से अलग मानती है। उसका कहना है कि आरएसएस का राजनीतिक क्षेत्र में कोई भी योगदान नहीं है। लेकिन हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा पर काम करने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहीं ना कहीं लाभ भारतीय जनता पार्टी को सीधा मिलता है।

हर प्रांत में होंगी बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार व दत्तात्रेय होसबले बुधवार से उत्तर प्रदेश के प्रांतों में बैठकों का दौर शुरू करेंगे। 10 जनवरी से शुरू होने वाला कार्यक्रम 16 जनवरी तक चलेगा। यूपी के प्रचारक और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी कार्यक्रम की भूमिका 10 जनवरी को ही तय कर ली गई है। यह माना जा रहा है कि 11 से 13 जनवरी तक काशी और गोरखपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। जिसके बाद लखनऊ में 14 जनवरी से लेकर तीन अहम कार्यक्रम संघ की तरफ से किए जाएंगे।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.