वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत, मतभेद के बावजूद धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं हिंदू परंपराएं

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संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती हैं। हम हर जगह जाते हैं, सबके दिल को छूने की कोशिश करते हैं, कुछ लोग राजी होते हैं तो कुछ राजी नहीं भी होते, लेकिन फिर हम सभी से जुड़ते हैं।

वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन हर चार साल में होता है। वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन ने इस बार कार्यक्रम को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में ऑर्गेनाइज किया है। 24 नवंबर को शुरू हुआ प्रोग्राम 26 नवंबर तक चलेगा।

हमारा धर्म विजय पर विश्वास: संघ प्रमुख

भागवत ने कहा कि हम धर्म विजय पर भरोसा करते हैं। इसी पर हमारा धर्म टिका हुआ है। यह प्रक्रिया धर्म नियम पर आधारित है और इसी के फलस्वरूप धर्म हमारे लिए कर्तव्य बन जाता है।

‘हमने धन विजय और असुर विजय का भी अनुभव किया है। धन विजय के मायने वस्तुओं से मिलने वाली खुशी से है, लेकिन इसमें इरादे ठीक नहीं होते। यह आत्मकेंद्रित होने जैसा है। देश ने 250 साल तक (अंग्रेजों की) धन विजय देखी।’

‘असुर विजय यानी अन्य समुदायों के लिए अग्रेशन का भाव रखना। उन्होंने (मुस्लिमों ने) 5200 साल शासन किया। इससे हमारी धरती पर तबाही मच गई थी।’

राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए: वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन प्रमुख

वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के प्रमुख और वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के चीफ ऑर्गनाइजर स्वामी विज्ञानानंद ने कहा, हमने अयोध्या से प्रसाद मंगवाया है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की प्रतिकृति यहां (बैंकॉक) तैयार हो रही है। हम अयोध्या से रामलला के जन्मस्थान की फोटो भी लाएंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही राम मंदिर की गूंज पूरी दुनिया में होनी चाहिए।

सम्मेलन की थीम ‘जयस्य आयतनं धर्मः’

तीसरे विश्व हिंदू कांग्रेस सम्मेलन की थीम ‘जयस्य आयतनं धर्मः’ रखा गया है। इसका अर्थ होता है- ‘धर्म, विजय का आधार।’ सम्मेलन 26 नवंबर तक चलेगा। इसमें दुनिया के कई क्षेत्रों में हिंदुओं के साथ हो रहे भेदभाव, अत्याचार और उससे निपटने के तरीकों के साथ हिंदुओं की उपलब्धियों पर भी विचार मंथन किया जाएगा।

पहली वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन 2014 में दिल्ली और दूसरा 2018 में अमेरिका के शिकागो में हुआ था। कोरोना काल की वजह से तीसरे आयोजन में देरी हुई। कार्यक्रम का आयोजन वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन के तरफ से किया जाता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने 24 अक्टूबर को कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। मणिपुर में जो हो रहा, करवाया जा रहा है। सांस्कृतिक मार्क्सवादी समाज में अराजकता फैला रहे हैं। भागवत नागपुर के संघ मुख्यालय में दशहरा पर आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रेशिमबाग मैदान में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

Compiled: up18 News