पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को डिफाल्ट होने से बचाने के लिए दुनियाभर से कटोरा लेकर कर्ज की भीख मांग रहे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को देश के सबसे अमीर अरबपति मियां मांशा ने भारत की शरण में जाने की सलाह दी है। पाकिस्तान के ‘अंबानी’ कहे जाने वाले मियां मांशा ने कहा कि पाकिस्तान के हर मर्ज की दवा की जा सकती है, बशर्ते आपको भारत की राह पर चलना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रिश्ते बेहतर करके और व्यापार शुरू करके पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से भी निकल जाएगा।
पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली बिजनेसमैन मियां मांशा ने कहा कि हम पाकिस्तान के प्रति दुनिया की सोच को बदल सकते हैं। साथ ही विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित कर सकते हैं। इससे हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ‘हमारी समस्या का समाधान तभी होगा, जब विदेशी निवेशक यहां निवेश करना शुरू करेंगे। आप केवल निर्तात बढ़ाकर विदेशी मुद्रा भंडार को नहीं बढ़ा सकते हैं। भारत ने मुख्यत: 650 अरब डॉलर का रिजर्व मुख्यत: इसी तरह से इकट्ठा किया है।’ पाकिस्तान के डिफाल्ट होने का खतरा, भारत से रिश्ते सुधार मिलेगी राहत
पाकिस्तान इस समय भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है और शहबाज सरकार ने आईएमएफ के आगे झुकते हुए पेट्रोल और डीजल के दाम में 60 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। यही नहीं, बिजली और गैस के भी दाम बढ़ाए गए हैं। पाकिस्तान दुनियाभर में चल रहे खाद्यान्न संकट से भी जूझ रहा है और गेहूं के दामों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। पाकिस्तान अगर तेल के दाम नहीं बढ़ाता तो उसके डिफाल्ट होने का खतरा पैदा हो गया था। पाकिस्तान को इस महासंकट से निकालने के लिए अब मियां मांशा ने शहबाज सरकार को कई सलाह दी है।
अरबों रुपये के निशात समूह के मालिक मियां मांशा ने कहा कि सरकार को आईएमएफ के साथ डील करना चाहिए, विदेशी निवेश लाना चाहिए और भारत के बंद चल रही सीमा को खोलना चाहिए। इससे देश की विकास दर पटरी पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इन सभी कदमों को बिना किसी देरी के उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने से पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। इससे आर्थिक कठिनाइयां कम होंगी।’
भारत के साथ बनाना होगा व्यापार और निवेश का रिश्ता
मियां मांशा ने टेक्सटाइल, बैंकिंग, कार निर्माण, सीमेंट, ऊर्जा, डेयरी, कृषि, रियल स्टेट और अन्य क्षेत्रों में विशाल साम्राज्य खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि हम भारत और वहां की सार्वजनिक तथा निजी कंपनियों के साथ व्यापार और निवेश के संबंधों को विकसित करके अपनी ग्रोथ को बढ़ावा दे सकते हैं और दुनिया की नजर में अपनी छवि को बदल सकते हैं। जब तक हम दुनिया को अपने बिजनस के बारे में नहीं बताएंगे तब तक कोई भी निवेश नहीं करने जा रहा है।
-एजेंसियां