अंतरिक्ष में रिकॉर्ड समय तक रहने वाले रूसी अंतरिक्ष यात्री का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. वलेरी पोल्याकोव ने मीर स्पेस स्टेशन में 1994-1995 के बीच 437 दिन बिताए थे.
वहां पर वो यह प्रयोग कर रहे थे कि मंगल ग्रह की लंबी यात्रा करनी पड़े तो क्या लोग अपना मानसिक स्वास्थ्य बरकरार रख सकते हैं.
टेस्ट से पता चला था कि 14 महीनों के उनके इस अभियान के दौरान उनके काम करने के तौर-तरीकों में कोई नुकसान नहीं हुआ. रूसी स्पेस एजेंसी ने पोल्याकोव की मौत की घोषणा की है.
इस दौरान उनकी मानद उपाधियों हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन और पायलट कॉस्मोनॉट ऑफ़ द यूएसएसआर का इस्तेमाल किया गया.
पोल्याकोव की मौत कारणों का अभी पता नहीं चला है.
स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने टेलीग्राम में एक पोस्ट में लिखा कि पोल्याकोव की रिसर्च से यह समझ आया कि मानव शरीर दूर अंतरिक्ष में भी दुश्वारियों का सामना करने में सक्षम है.
आज तक बरकरार है रिकॉर्ड
पोल्याकोव का जन्म 1942 में मॉस्को के तुला शहर में हुआ था. वो पहले एक फ़िजिशियन थे फिर कॉस्मोनॉट बने.
उनका पहला मिशन अगस्त 1988 में शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने आठ महीने अंतरिक्ष में बिताए थे.
इसके छह साल बाद उन्होंने जो यात्रा की वो सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड है जो आजतक बरकरार है.
पोल्याकोव ने 8 जनवरी 1994 से 22 मार्च 1995 मीर स्पेस स्टेशन में रहते हुए काम किया. इस दौरान उन्होंने 7000 से भी ज़्यादा बार धरती के चक्कर लगाए.
बाद में उन्होंने कहा था कि मंगल में बिताया उनका समय वहां जाने और आने में लगने वाले सफ़र के बराबर है.
मीर स्पेस स्टेशन को 1986 में ऑर्बिट में भेजा गया था. पहले यह सोवियत यूनियन के नियंत्रण में था और बाद में रूस के नियंत्रण में आया.
-एजेंसी