भारत को तेल पर दी जाने वाली छूट दोगुनी करने जा रहा है रूस

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एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में तेल का आयात घट रहा है और यही वजह है कि तेल निर्यातक देशों को अपने ऑफर को आकर्षक बनाना पड़ रहा है। रूस को भी दोस्‍त भारत के लिए अपने तेल के ऑफर को आकर्षक बनाने के लिए दामों में छूट देनी पड़ रही है। भारत ने पिछले दो साल में रूस से जमकर तेल खरीदा है और पुतिन चाहते हैं कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच भारत उनके देश से तेल खरीदता रहे। ताजा आंकड़ों के मुताबिक रूस से भारत को तेल निर्यात नवंबर महीने में पूरे साल का सबसे कम हुआ है।
अमेरिकी धमकी के आगे नहीं झुका भारत

भारत ने रूस से मात्र 13 लाख बैरल तेल ही खरीदा है। इसके विपरीत रूस ने जब सब्सिडी को घटाई तो भारत ने यूएई के साथ अपने तेल के आयात को बढ़ा दिया था। भारत के इस कदम के बाद अब रूस को एक बार फिर से अपने दामों में कटौती करनी पड़ी है। सितंबर महीने में भारत ने 42 करोड़ 90 लाख डॉलर रूस से तेल खरीदकर बचाए थे। साल 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस भारत को तेल का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया था। भारत ने यह तेल तब खरीदा जब पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा द‍िए और तेल तथा गैस खरीदना बंद कर दिया था।

तेल के डिमांड में आई कमी की वजह से खाड़ी देशों को भी अपने तेल के दामों में कटौती करनी पड़ी है। सऊदी अरब ने एशियाई देशों को दिए जाने वाले तेल के दाम में कटौती की है। पिछले सात महीने में ऐसा पहली बार हुआ। इसके अलावा इराक ने भी तेल के दाम में कमी की है। अमेरिका अपने खाली पड़े रिजर्व को नहीं भर रहा है और ठंड की वजह से दुनिया में तेल के डिमांड में भारी कमी आई है। माना जा रहा है कि ये छूट और भी बढ़ सकता है। इससे पहले अमेरिका ने भारत पर दबाव डाला था कि वह रूस से तेल नहीं खरीदे लेकिन मोदी सरकार इस धमकी के आगे नहीं झुकी और रूस से तेल खरीदना जारी रखा हुआ है। भारत को अब रूसी तेल से अरबों डॉलर का फायदा हो चुका है।

-एजेंसी