रियाज़ मीर कास्टिंग डायरेक्टर से बने निर्देशक

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मुंबई : प्रोड्यूसर सुमीन भट का प्रोडक्शन हाउस फिमी प्रोडक्शंस नई प्रतिभाओं को लॉन्च करने के मामले में काफी आगे है। यह बैनर अपने प्रोजेक्ट्स में न सिर्फ फ्रेश एक्टर्स को अवसर देता है बल्कि नए निर्देशक को भी चांस देता है

हिमाचल प्रदेश के रहने वाले रियाज़ मीर कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में काम करते आ रहे हैं। हालांकि डायरेक्शन का उन्होंने कहीं कोई कोर्स नहीं किया पर कुछ जाने माने निर्देशक के साथ काम करके निर्देशन की बारीकियों को सीखा है। बतौर डायरेक्टर उनका पहला प्रोजेक्ट फिमी प्रोडक्शंस का म्यूज़िक वीडियो “तू धूप मैं धुआं” है। इसी बैनर तले उनके और भी कई म्यूज़िक वीडियो आने वाले हैं। जिनके नाम हैं “यूं बेकरारी” और “दिल रोए रोए जाए” इत्यादि।

रियाज़ मीर मानते हैं कि डायरेक्शन बड़ी ज़िम्मेदारी वाला काम है, आप को हर एक बात का ध्यान रखना होता है। कहानी, कास्टिंग, म्यूज़िक, लोकेशन से लेकर शॉट के निर्देशन तक चुनौतियों से भरा काम होता है।

बॉलीवुड के डायरेक्टर्स में उनके फेवरेट संजय लीला भंसाली है, जिनसे वह इंस्पायर होते हैं। साथ ही रोहित शेट्टी का स्टाइल भी उन्हें पसन्द है और वह एक्शन फिल्म डायरेक्ट करना चाहते हैं। वह एक वेब फ़िल्म पर भी काम कर रहे हैं जिसकी जल्द घोषणा की जाएगी। यह सुमीन भट के फिमी प्रोडक्शंस के बैनर तले बनने वाली है।

रियाज़ मीर ने बताया कि म्यूज़िक वीडियो में बतौर डायरेक्टर काम करके मजा आया। यह मजेदार और चैलेंजिंग भी रहा क्योंकि इसमें सबकुछ एक सीमित समय मे करना होता है।

मुझे लगता है कि डायरेक्टर को अब फ़िल्म निर्माता, प्रोडक्शन हाउस और दर्शक भी अधिक अहमियत देने लगे हैं, ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि पूरा प्रोजेक्ट एक डायरेक्टर के कंधों पर होता है। मैं समझता हूं कि परफेक्ट डायरेक्शन वह है जिसके जरिये आप दर्शकों तक अपना मैसेज पहुंचा सकें, क्योंकि एक कहानी को फ़िल्म के पर्दे पर उतारना बहुत ही मुश्किल होता है। फिल्मी दुनिया में कलाकार डायरेक्टर के काम मे दखलंदाजी करते हैं, मगर जब उन्हें पता होता है कि क्रिएटिव डायरेक्टर है तो फिर वह ज़्यादा दखलंदाजी नहीं करते। वैसे एक्टर्स का पॉइंट ऑफ व्यू सुनने में कोई हर्ज नहीं है, कभी कभी कुछ आईडिया आपको भी अच्छा लगता है।

आजकल के म्यूज़िक वीडियो में भी एक स्टोरी, एक कॉन्सेप्ट प्रस्तुत किया जाता है, वह इसे काफी अच्छा ट्रेंड मानते हैं। वह बताते हैं कि मेरी भी यही कोशिश रहती है कि मेरे हर वीडियो में एक स्टोरी हो। जैसे मैंने अपने दोनों गीतों तू धूप मैं धुआं और “यूं बेकरारी” में मैंने एक अलग ही कांसेप्ट पेश किया है।

-अनिल बेदाग-
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